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Tuesday, May 25, 2021

सरकार की कोरोना संक्रमण नियंत्रण कारगर नीतियों के कारण तेजी से कम हो रहा है संक्रमण स्वस्थ हो रहे हैं लोग: उपमुख्यमंत्री

ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट के पालन से आशाजनक परिणाम

जागरूकता बढ़ाने के लिए गांव में मेरा गावं कोरोना मुक्त गांव व शहर में मेरा वार्ड कोरोना मुक्त वार्ड अभियान चलाये जाने के निर्देश

प्रदेश में लगभग 1.60 करोड़ वैक्सीन की डोज लगायी गई

कोरोना एक्टिव मामलों में 69.6 प्रतिशत की आई कमी रिकवरी दर बढ़कर 93.2 प्रशित से अधिक

रायबरेली। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व जनपद के प्रभारी मंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कलेक्ट्रेट के बचत भवन सभागार में गरीब, असहाय लोगों को राशन वितरण मुहैया करवाई। आयोजित प्रेस वार्ता दौरान कहा कि ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट के पालन से आशाजनक परिणाम तीव्र गति से प्राप्त हो रहे है। प्रदेश सरकार की कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने की रणनीति कारगार रही है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 3 टी सरकार का मूल मंत्र रहा है। 3 टी का अर्थ ट्रेरस टेस्ट व ट्रीट है जिसके चलते प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से घट रहा है तथा ठीक होने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है। विगत माह 30 अप्रैल 2021 की तुलना में कोरोना के एक्टिव मामलों में 69.6 प्रतिशत की कमी आई है। राज्य में कोरोना संक्रमण से रिकवरी की दर वर्तमान में बढ़कर 93.2 प्रतिशत हो गई उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में कोविड-19 की जांच एवं उपचार निःशुल्क किया जा रहा है। होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों को दवा की व्यवस्था के साथ ही कोविड कन्ट्रोल रूम से उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा रही है। संक्रमण पर रोक के लिए युद्ध स्तर पर सेनेटाइजेशन का कार्य भी हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाय के नेतृत्व वाली सरकार ने दूरदर्शिता व पूरी संवेदनशीलता के साथ कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के उपाय किए जिनका परिणाम आज सबके सामने है। देश में सबसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश में आज संक्रमण काफी हद तक नियंत्रण में है। उपमुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट स्थित बचत भवन के सभागार में प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया बन्धुओं से कहा कि प्रदेश की बड़ी आबादी गांवों में रहती है और सरकार बड़ी संख्या में गावों में संक्रमण को फैलने से रोका है। सरकार के प्रयासों की डब्लूएचओं ने भी सराहना की है। ग्रामीण प्रदेश को सुरक्षित रखने के लिए सरकार 97 हजार से अधिक राजस्व गांवों में 05 मई से बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग अभियान चला रही है। हर लक्षणयुक्त व सदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को दवा की किट दी जा रही है। डाॅ0 शर्मा ने कहा कि सरकार वर्तमान स्थिति पर नियंत्रण के साथ ही भविष्य के लिए भी पूरी तरह से तैयार है। कोरोना की तीसरी वेव की आशंका को देखते हुए हर जिले में महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष पीकू आईसीयू तैयार किए जाने आरंभ हो गए हैं। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में 100-100 पीकू बेड बनाने का कार्य प्रारम्भ हो गया है। जनपद के अस्पतालों में 20-20 बेड बच्चों के लिए आरक्षित किया जायेगा। आगामी 30 जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। केजीएमयू में एक पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार हो गया है। एक अन्य पीकू की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। आरएमएलआईएमएस में 120 बेड का पीकू तैयार हो रहा है। कोरोना संक्रमण रोग ग्रस्त लोगों के उपचार की व्यवस्था के साथ ही इस बात के भी पुख्ता इंतजाम किए गए कि दवाओं आदि की किसी प्रकार से कालाबाजारी नहीं हो सके। जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। उन्होंने कहा कि 5 मार्च 2020 में आगरा में एक व्यक्ति को कोरोना संक्रमण था उस समय प्रदेश में कोरोना टेस्ट की कोई सुतिधा नहीं थी पर सरकार ने प्रदेश के लोगों के जीवन की रक्षा को सबसे बड़ा धर्म मानते हए तेजी से सूबे में लैब की स्थापना कराई। आज उत्तर प्रदेश में हर रोज करीब 4 लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। प्रदेश में अब तक 4 करोड़ 64 लाख 19 हजार 114 बोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। कोरोना के इस दूसरी लहर में मरीजों को आक्सीजन की कमी नहीं हो इसके लिए भी सुनियोजित रूप से काम किया गया। प्रभारीमंत्री ने डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि एयर व रेल के जरिए आक्सीजन मंगाने के साथ ही अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट की स्थापना कराई गई। ऑक्सीजन के उपयोग की मॉनिटरिंग की भी रातों रात नई डिजिटल व्यवस्था तैयार की गई। जिसका परिणाम है कि प्रदेश में एक दिन में 100 मीट्रिक टन ऑक्स जीवन की आपूर्ति कर मरीजों को राहत दी गई। प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित करने हेतु 185 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किये गये हैं। जिसमें 234 प्लांट को बनाने की प्रक्रिया चालू हो गयी है तथा 3 प्लांट क्रियाशील हो गये है। 90 प्रतिशत से अधिक प्लांट वातावरण से ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांट है। मेडिकल कॉलेजों में अब ढाई दिन तक का बैकअप हो गया है। यूपी सरकार के ऑक्सीजन मॉनिटरिंग सिस्टम की नीति आयोग ने भी प्रशंसा की है। डॉ शर्मा ने कहा कि इन सभी व्यवस्थाओं के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नेतृत्व रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड से पीड़ित होने के बाद भी सच्चे कर्मयोगी की तरह प्रदेश की जनता रोचा की है। कोरोना से ठीक होने के बाद सीएम लखनऊ में नहीं बैठे बल्कि जिलों में जाकर उन्होंने कोविड के मरीजों से सीधे मुलाकात कर सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं को खुद परखा है। आज प्रदेश का कोविड-19 प्रबंधन देश के अन्य राज्यों के लिए माडल की तरह है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कही भी कोई कमी नहीं रह जाए इसलिए हर कदम पर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। राज्य स्तर अधिकारियों की टीम गठित कर प्रदेश पर नजर रखी जा रही है साथ ही जिलों में नोडल अधिकारियों को भेजकर व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत भी जांची जा रही है। मुख्यमंत्री खुद भी जिले के अधिकारियों से सीधे संवाद कर स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने लोगों को आ रही पोस्ट कोविड समस्याओं के निराकरण के लिए पोस्ट कोविड वार्ड बनाए हैं जिससे कि उन परेशानियों को भी दूर किया जा सके। इसी क्रम में ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित करते हुए उसके उपचार के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। ब्लैक फंगस की दवाओं की कालाबाजारी न होने पाए इसके लिए भी फूल प्रूफ व्यवस्था की गई है। सभी जनपदों में वेंटिलेटर तथा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराये गये हैं। गांव में कोविड-19 प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘‘मेरा गांव कोरोना मुक्त गांव’’ का अभियान तथा शहर में ‘‘मेरा वार्ड कोरोना मुक्त वार्ड’’ का अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। डाॅ0 शर्मा ने कहा कि सरकार ने लोगों को कोरोना से सुरक्षित करने के लिए निःशुल्क टीकाकरण आरम्भ कराया है। उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जो 18 से 44 आयु वर्ग के अपने नागरिकों का निःशुल्क टीकाकरण करा रहा है। प्रदेश में 18 से 44 वर्ष वाले लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन चल रहा है। अब तक लगभग 1.27 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई तथा पहली डोज वाले लोगों में से लगाग 33 लाख लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। इस प्रकार कुल लगभग 1.60 करोड़ वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी है। आगामी 1 जून से पूरे प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण का कार्य आरंभ होगा। 23 जनपदों में अब तक 18 से 10 वर्ष के आयु वर्ग के लगभग 8.52 लाख लोगों को वैक्सीन लगायी गयी है। आयुष विभाग द्वारा लगभग 10 हजार से अधिक आयुर्वेदिक, 38 हजार होम्योपैथिक, 2 हजार यूनानी तरीके से उपचार किया गया है। लगभग 1 लाख 40 हजार आयुष किट तथा लगभग 1 लाख 53 हजार आयुष काढ़ा का वितरण किया गया है। अब तक लगभग 11 लाख भायुवेदिक, होम्योपैथिक तथा यूनानी पहतियों की निभिन्न प्रकार की औषधियों का वितरण किया गया है।
डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि आंशिक कोरोना काफ्र्यू के माध्यम से प्रदेश में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में बड़ी मदद मिल रही है। कोरोना की निकट परिस्थिति ने लोगों के सामने कई तरह की परेशाजिया खड़ी की है पर सरकार उन्हें दूर करने का प्रयास कर रही है। कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों में गरीबों और जरूरतमन्दों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी श्रेणी के राशनकार्ड धारकों को 03 माह के लिए प्रति यूनिट 3 किलो गेहूं तथा 02 किलो चावल निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा। इस प्रकार प्रति यूनिट 05 किलो निःशुल्क खाद्यान्न जरूरतमन्दों को मिलेगा। इससे प्रदेश की लगभग 15 करोड़ जनसंख्या लाभान्वित होगी। यह कार्यक्रम आरंभ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार समाज के गरीब और कमजोर नर्गों को हर समाव राहत और मदद उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्पित है। शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहडी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों दिहाड़ी मजदूरों रिक्शा व ई-रिक्शा चालक पल्लेदार राहित नाविको नाई धोबी मोची हलवाई आदि जैसे परम्परागत कामगारों को एक माह के लिए 1000 रुपए का भरणपोषण भत्ता प्रदान किया जाएगा। इससे लगभगा करोड गरीबों को राहत मिलेगी। इस क्रम में आंशिक कोरोना कफ्र्यू के दौरान जरूरतमन्दों के लिए कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में करीब 400 सामुदायिक किचन संचालित हैं। राज्य सरकार अनेकों के कल्याण के लिए भी संकल्पित है। प्रदेश के सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए दो योजनाएं संचालित की जा रही हैं। दुर्घटना में दुर्भाग्यवश किसी श्रमिक की मृत्यु अथवा दिव्यांगता हो जाने पर 02 लाख रुपए के सुरक्षा बीमा कवर तथा 5 लाख रुपए तक के स्वास्थ्य बीमा कवर की व्यवस्था इन योजनाओं के माध्यम से की गई है। प्रदेश में सभी स्तर की शिक्षण संस्थाओं में 20 मई से ऑनलाइन क्लास का संचालन प्रारम्भ हो गया है। कोरोना की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने प्रदेश में संचालित सभी बोर्डों के विद्यालयों में फीस नहीं बढ़ाने का भी आदेश दिया है। कोविड के चलते कई परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं। विद्यालय भौतिक रूप से बन्द है पर आनलाइन पठन-पाठन कार्य जारी है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने एक ऐसा संतुलित निर्णय किया है जिससे कि आम जनमानस पर अतिरिक्त भार न पड़े साथ ही विद्यालय में कार्यरत शिक्षक त शिक्षणेत्तर कार्मिको को नियमित वेतन देना सुनिश्चित किया जा सके। विद्यालय सत्र 2021-22 में पिछले वर्ष की भांति उसी शुल्क संरचना के हिसाब से शुल्क ले सकेगे जो वर्ष 2019-20 में लागू की गई थी।अगर किसी स्कूल ले बढी हुई शुल्क संरचना के हिसाब से फीस ले ली है तो इस बढ़ी हुई फीस को आगे के महीनों की फीस में समायोजित किया जाएगा। विद्यालय बंद रहने की अवधि में परिवहन शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा अगर किसी छात्र अथवा अभिभावक को तीन माह का असिम शुल्क जमा करने में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो उसके अनुरोध पर उसे मासिक शुल्क ही लिया जाए। इस स्थिति में उन्हें तीन माह का अग्रिम शुल्क देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि जब तक विद्यालयों में आंतरिक रूप से परीक्षा नहीं हो रही है तब तक परीक्षा शुल्क भी नहीं लिया जा सकेगा। इसी प्रकार से जब तक क्रीड़ा विज्ञान प्रयोगशाला लाइब्रेरी कम्प्यूटर वार्षिक फंक्शन जैसी गतिविधियां नहीं हो रही है तब तक उनका शुल्क भी नहीं लिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में पूरी संवेदनशीलता के साथ यह निर्णय भी किया है कि अगर कोई छात्र अथवा छात्रा अथवा उनके परिवार का कोई सदस्य कोरोना संक्रमित है और उन्हें फीस देने में परेशानी हो रही है तो सम्बन्धित छात्र अथवा छात्रा के लिखित अनुरोध पर उस माह का शुल्क अग्रिम महीनों में किश्त के रूप में समायोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस बात के निर्देश भी दिए गए हैं कि विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मिकों का वेतन नियमित रूप से दिया जाए। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने मीडिया बन्धुओं को जनपद में कोविड-19 की व्यवस्थाओं की गई कार्यवाही व जागरूकता आदि कार्यो के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह व उमेश द्विवेदी, विधायक सरेनी धीरेन्द्र बहादुर सिंह व बछरावा विधायक राम नरेश रावत, जिला अध्यक्ष रामदेव पाल सहित पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार, मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल, अपर जिलाधिकारी प्रशासन राम अभिलाष, उपनिदेशक सूचना प्रमोद कुमार, मो0 राशिद रियाज अंसारी, विवेक शुक्ला, विजय बाजपेयी आदि जनप्रतिनिधि एव बड़ी संख्या में मीडियाबन्धु उपस्थित रहें।  

रिपोर्ट : जावेद आरिफ 
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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