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Saturday, May 22, 2021

एसएसआई संजय सिंह की कोतवाली में 8 वर्षों से तैनाती पर अधिवक्ता ने उठाए सवाल

मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग

रायबरेली। शहर कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक संजय सिंह की कारगुजारी और विधि विरुद्ध तैनाती पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शकील अहमद खान ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक पत्र प्रेषित करते हुए मामले की जांच कर कार्यवाही की मांग की है। उससे पहले संजय के विरुद्ध मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए अधिवक्ता ने पुलिस अधीक्षक से उनको कोतवाली कार्यमुक्त किए जाने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि संजय सिंह धारा 302 के आरोपी है। उनके खिलाफ दूसरे जनपद में मुकदमा विचाराधीन है और चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। उसके बाद भी रायबरेली में वह तिकड़म लगाकर लगभग 8 वर्षों से शहर कोतवाली में तैनात हैं। जिनके द्वारा गुलाब रोड पर यूसा हत्याकांड के आरोपी को बचाने और झूठी विवेचना पर कोर्ट से जारी वारंट पर उपस्थित ना होने का आरोप लगाया है। शकील के अनुसार वह 2014 से संजय सिंह के क्रियाकलापों को उजागर कर रहे हैं। एक मामले में कोर्ट ने संजय के खिलाफ वारंट भी जारी कर रखा है। लेकिन कोतवाली में तैनाती होने के कारण वह लगातार वारंट को दबाकर कोर्ट में उपस्थित भी नहीं हो रहे हैं। फलस्वरूप अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अभियोजन को सख्त चेतावनी और एसपी रायबरेली को पत्र भी प्रेषित किया है। यह मामला फेक f.i.r. पर फेक चार्ज शीट लगाने से सम्बंधित है। जिसमें सभी गवाहों ने विवेचना के खिलाफ कोर्ट में गवाही दर्ज करायी है। इसी के बाद कोर्ट ने वारंट जारी कर संजय सिंह को तलब किया था। इसी प्रकार शकील ने संजय सिंह के विरुद्ध धारा 156 (3) के तहत संज्ञेय अपराध की एफ आई आर दर्ज करने के लिए भी वाद दायर कर रखा है। जो न्यायालय में विचाराधीन है। शकील ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में बताया कि संजय सिंह उन पर दबाव बनाने के लिए लगातार तरह-तरह की साजिशें कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने शकील के पारिवारिक विवाद में विपक्षीगणों से सांठगांठ करके उनके विरुद्ध पुलिस अधीक्षक के समक्ष गैंगेस्टर की कार्यवाही का प्रार्थना पत्र दिलवाया और अब उसी के आधार पर शकील के खिलाफ दर्ज विभिन्न फर्जी मुकदमे जिसमें फाइनल रिपोर्ट भी लग चुकी है उनकी फेहरिस्त तैयार की है। जिससे कि अधिवक्ता शकील को जेल रवाना कर उनकी आवाज दबा दी जाए। बहरहाल शकील ने इस संबंध में उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश पारित करा लिया है और संजय सिंह एस एस आई की काली करतूतों का कच्चा चिट्ठा कई बिंदुओं पर आधारित करके मुख्यमंत्री को भेज दिया है। जिसमें उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच और आवश्यक कार्यवाही की मांग की है। आपको बता दें कि एस एस आई संजय अपनी विवादास्पद कार्यशैली को लेकर पिछले कई दिनों से विवादों के घेरे में चल रहे हैं। बावजूद इसके वर्ष 2013 से शहर कोतवाली में लगातार इनकी तैनाती आम नागरिक ही नहीं पुलिस डिपार्टमेंट में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग समझ नहीं पा रहे कि आखिर कौन सी ऐसी विशेषता और मजबूरी है जो इन्हें कोतवाली से हटाने में बाधक बनन रही है। पुलिस अधीक्षक को इस मामले पर स्वयं संज्ञान लेने की जरूरत है।

रिपोर्ट : जावेद आरिफ
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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