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Saturday, May 22, 2021

जैविक खेती का मुख्य आधार : वर्मी कंपोस्ट

कानपुर। वर्मी कंपोस्ट को वर्मी कल्चर या केंचुआ की खाद भी कहा जाता है। केंचुए कार्बनिक निरर्थक पदार्थ को अपने शरीर के भार के दो से पांच गुना तक ग्रहण करते हैं तथा उसमें से केवल 5 से 10% अपने शरीर की आवश्यकता के लिए प्रयोग करके शेष पदार्थ को अपाचित पदार्थ के रूप में स्रावित कर देते हैं जिसे वर्मकास्ट कहते हैं।अतः गोबर, सूखे हरे पत्ते, घास फूस, धान का पुआल, मक्का बाजरा की कड़वी, खेतों की निरर्थक पदार्थ, डेयरी, कुक्कुट निरर्थक पदार्थ, सिटी गार्बेज इत्यादि केंचुआ द्वारा प्राप्त मल से तैयार खाद वर्मीकंपोस्ट कहलाती है। वर्मीकंपोस्ट केंचुआ द्वारा उत्पादित कार्बनिक खाद है। यह केंचुआ के मल कार्बनिक पदार्थ, जीवित केंचुआ के कोकून तथा अन्य जीवो का एक मिश्रण है। *तैयार करने की विधि:* भूमि की प्रकृति के अनुसार ही केंचुआ का चुनाव करना चाहिए। कोई उपयुक्त आकार का गड्ढा (2*1*1 मीटर) खोदना चाहिए। इसमें 10 से 40 हजार केंचुए रह सकते हैं जो प्रतिमाह 1 टन खाद देते हैं। इस गड्ढे की सतह पर दोमट मिट्टी की 15 से 20 सेंटीमीटर मोटी परत कंकड़ पत्थरों की पतली परत के ऊपर बिछाकर के केंचुआ के रहने की जगह बनाते हैं। इस गड्ढे में (2* 1*1 मीटर) लगभग 100 केंचुआ का प्रवेश करा देते हैं। पहली परत देरी से विच्छेद होने वाले कार्बनिक पदार्थों कूड़ा करकट, मक्का, बाजरा के डंठल, सूखी पत्तियां एवं खरपतवार भी की लगाते हैं। इसके बाद गोबर की एक 4 से 5 सेंटीमीटर मोटी परत लगा देते हैं। गड्ढे में उपयुक्त नमी पानी मिलाकर बनाए रखते हैं। हरी पत्तियां तथा अन्य हरे कार्बनिक पदार्थ तथा रसोई के निरर्थक पदार्थों से गड्ढे को भर देते हैं। तथा बाद में मिट्टी का लेप कर ढक देते हैं। इसके उपरांत पानी छलकते रहते हैं। जिससे गड्ढे में उपयुक्त नमी बनी रहे। जब कूड़ा करकट तथा अन्य कार्बनिक पदार्थों का विच्छेदन केंचुआ द्वारा पूर्ण रूप से हो जाए तो पानी का डालना बंद कर देना चाहिए इससे खाद सूखेगी तथा केंचुए निचली सतह पर जाने लगते हैं, तैयार वर्मी कंपोस्ट महीन भुरभुरा पदार्थ होता है उसे गड्ढे में से निकालकर छान लेते हैं जिससे जीवित केंचुए अलग किए जा सके। फिर इस छाने पदार्थ को पैकेटओ में भर लेते हैं। डॉ अशोक कुमार अध्यक्ष एवं डॉ अरविंद कुमार वैज्ञानिक केवीके दिलीप नगर कानपुर देहात। 

रिपोर्ट : मधुकर राव मोघे 
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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