लखीमपुर खीरी । गुरुवार को अपने निर्धारित भ्रमण कार्यक्रम के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह जनपद लखीमपुर खीरी पहुंचे। जहां सांसद अजय मिश्र टेनी, विधायक शशांक वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह सहित डीएम-एसपी ने उनके जनपद आगमन पर उनका अभिनंदन किया। जल शक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने बाढ़ एवं कटाव निरोधक कार्यो की जमीनी हकीकत परखने हेतु स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने जनपद खीरी के तहत पलिया पुल के डाउन स्ट्रीम में शारदा नदी के दायें किनारे पर स्थित ढकिया खुर्द, ढकिया कला व शाहपुर ग्राम समूह की सुरक्षा हेतु कटाव निरोधक कार्यो की अतिरिक्त लम्बाई की परियोजना कार्यो का निरीक्षण किया।उन्होंने परियोेजना के तहत 230 मी. लम्बाई में 50-50 मीटर के अन्तराल पर 04 नग परक्यूपाईन स्टड के साथ 10 मीटर चैड़ाई में लांचिग एप्रन का कार्य किया गया है, इसी परियोजना के डाउन स्ट्रीम में 780 मीटर की लम्बाई में 50-50 मीटर के अन्तराल पर 16 नग परक्यूपाईन स्टड के साथ 10 मीटर चैड़ाई मे लांचिग एप्रन का कार्य कराया गया है। कबीना मंत्री ने जंगल नं0-7 के अपस्ट्रीम में शारदा नदी को मुख्य धारा में लाने हेतु ड्रेजिंग कार्यो का मोटर बोट से निरीक्षण किया।इसके बाद काबीना मंत्री ने जनपद लखीमपुर खीरी में शारदा नदी के दायें किनारे पर स्थित समूह कुँवरपुर कला, बझेड़ा तथा मिस्त्रीपुरवा की सुरक्षा हेतु कटाव निरोधक कार्यो की परियोजना का भी निरीक्षण किया। जिसके अन्तर्गत 930 मीटर की लम्बाई में 50-50 मीटर के केन्द्रीय अन्तराल पर 18 नग परक्यूपाईन स्टड के साथ 10 मीटर की चौड़ाई में लांचिग एप्रन का निर्माण कार्य कराया। कबीना मंत्री ने जनपद में कराये जा रहे बाढ़ एवं कटान से सम्बन्धित निर्माणाधीन परियोजनाओ के कार्य 15 जून 2021 तक प्रत्येक दशा मे मानकीकृत एवं गुणवत्तारक ढ़ग से पूर्ण कराने हेतु निर्देशित किया। जनपद खीरी बाढ़ की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील जनपद है। जनपद में प्रवाहित होने वाली प्रमुख नदिया शारदा, घाघरा, मोहाना, कौड़ियाला व सुहेली आदि का उद्गम नेपाल व उत्तराखण्ड से होता है। उक्त नदियों मे भारी सिल्ट लोड व तीव्र वेग होने के कारण मेन्डरिंग की प्रवृत्ति अत्याधिक रहती है, जिससे बाढ़ एवं कटान का भारी खतरा रहता है। वर्ष 2020 बाढ़ खण्ड शारदानगर लखीमपुर खीरी द्वारा जनपद लखीमपुर खीरी में कुल 06 अद्द बाढ़ परियोजनाए लागत रू0 40.55 करोड. के कार्य कराकर 20 ग्रामों, 38,100 आबादी व 1341 हेक्टेअर कृषि योग्य भूमि को बाढ़ एवं कटान से सुरक्षा प्रदान की गई है। वर्ष 2021 मे जनपद लखीमपुर में कुल 10 अदद बाढ़ परियोजनाएं लागत रू0 53.00 करोड़ के कार्य कराकर 37 ग्रामों, 70,300 आबादी व 2080 हेक्टेअर कृषि योग्य भूमि को बाढ़ एवं कटान से सुरक्षा प्रदान की जायेगी। खण्ड के अन्तर्गत जनपद सीतापुर में कुल 02 अद्द बाढ़ परियोजनाएं लागत रू0 17.59 करोड़ के कार्य कराकर 06 ग्रामों, 10000 आबादी व 711 हेक्टेअर कृषि योग्य भूमि को बाढ़ एवं कटान से सुरक्षा प्रदान की जायेगी। उपरोक्त के अतिरिक्त जनपद लखीमपुर खीरी में बाढ़ व कटान की दृष्टि से अन्य संवेदनशील व अतिसंवेदनशील स्थलों पर जहां बाढ एवं कटान से खतरा उत्पन्न होने की सम्भावना है को भी मंत्री ने मानसून से पूर्व मानकीकृत व गुणवत्तापरक कार्य कराकर सुरक्षित कर लिया जाय। उन्होंने मानसून से पूर्व जनता को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान किये जाने के दृष्टिगत बाढ़ परियोजनाओं के कार्य आसन्न मानसून पूर्व 31 मई तक पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये। साथ ही बाढ़ सम्बन्धी समस्त तैयारियां मानसून से पूर्व सुनिश्चित किये जाने व ग्रामीण क्षेत्रों में नालों की सफाई भी वर्षा काल से पूर्व पूर्ण किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के बावजूद सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ की तैयारियों के समस्त कार्य समयानुसार कराये जा रहे है। वर्ष 2020-21 में जनपद खीरी के अन्तर्गत 08 बाढ़ परियोजनाएं संचालित थीं। जिनमें से 01 परियोजनाओं के कार्य बाढ़ काल 2020 के प्रारम्भ होने से पूर्व माह जून तक पूर्ण कर लिए गये थे तथा शेष परियोजनाओं के कार्य सुरक्षित स्तर तक इस प्रकार सम्पादित कराये गये कि उनका लाभ जनता को प्राप्त हो सके।अतिसंवेदनशीन स्थलों जिन पर बाढ़ परियोजनाएं स्वीकृत नहीं थी उन स्थलों पर अनुरक्षण मद से अति आवश्यक कार्य कराकर बाढ़ से सुरक्षा प्रदान की गयी। माह दिसम्बर, 2020 तक 02 परियोजनाएं पूर्ण की गयी तथा वर्ष के अन्त तक अर्थात माह मार्च, 2021 तक 06 परियोजनाएं पूर्ण की गयी। वर्तमान वर्ष में अब तक कुल 06 परियोजनाएं पूर्ण हुई है। शेष परियोजनाओं के कार्य प्रगति में हैं तथा आसन्न मानसून से पूर्व पूर्ण किये जाने हैं। कबीना मंत्री ने अवगत कराया कि सरकार निरन्तर इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है कि बाढ़ बचाव कार्य समय से प्रारम्भ हों, गुणवत्तापरक हों तथा पूर्ण पारदर्शिता से सम्पादित कराये जाएं। इस वर्ष 2020-21 के बाढ़ काल की तैयारियों के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने एक साहसिक एवं अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए पिछले वर्ष के माह जनवरी, 2021 में ही बाढ़ कार्य हेतु पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करायी गयी, जिसके अन्तर्गत 10 नई बाढ़ परियोजनाओं पर धनराशि स्वीकृत की गयी तथा समस्त कार्य माह फरवरी, 2021 में प्रारम्भ कर दिये गये थे। विश्वव्यापी कोरोना महामारी के संकट काल में भी और पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बावजूद बाढ़ परियोजनाओं में तेजी से कार्य किया, जिसके फलस्वरूप 03 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है, शेष अधिकांश परियोजनाएं पूर्णता की ओर अग्रसर है। सभी परियोजनाओं के कार्य आसन्न मानसून पूर्व 31 मई तक कराये जाने हेतु लक्षित है। परियोजनाओं के कार्य मानसून के पूर्व होने से जनता बाढ़ से सुरक्षित होगी। जनधन की हानि नहीं होगी। यदि दूरदृष्टि रखकर समय से धनराशि निर्गत करने का यह निर्णय नहीं लिया गया होता तो वर्तमान कोरोना महामारी के कारण बाढ़ कार्यो को समय से क्रियान्वयन में कठिनाई का सामना करना पड़ता। जनपद खीरी में शारदा नदी पर स्थित जंगल नं0-7 की बाढ़ से सुरक्षा हेतु ग्राम ढकिया खुर्द के पास ड्रेजिंग एवं चैनलाइजेशन कार्य की परियोजना स्वीकृत है जिसके अन्तर्गत 3 किमी की ड्रेजिंग एवं चैनलाइजेशन का कार्य प्राविधानित है। वर्तमान में परियोजना की भौतिक प्रगति 98 प्रतिशत है, फिनिशिंग कार्य प्रगति पर है। ड्रेजिंग कार्य के फलस्वरूप 3,50,000 घन मी0 ड्रेज्ड मैटेरियल निकाला गया, जिसकी नीलामी की कार्यवाही प्रगति में है। इस परियोजना के कार्य पूर्ण होने से ग्राम ढकिया खुर्द में बाढ़ का प्रभाव कम हो जाएगा।उन्होंने बताया कि जनपद लखीमपुर-खीरी के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के दौरान जलप्लावन की समस्या के निराकरण करने के उद्देश्य से समस्त ड्रेनों/नालों की सफाई कराये जाने का अभियान भी प्रारम्भ किया गया है। ड्रेनों/नालों के इस सफाई कार्यक्रम में उन पर निर्मित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों के जीर्णोद्धार भी कराया जायेगा। जनपद लखीमपुर-खीरी के अन्तर्गत कुल 127 नाले है जिनकी कुल लम्बाई 749.15 किमी0 है। इनमें से वित्तीय वर्ष 2019-20 में 62 नालों की 362.395 किमी0 लम्बाई, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 22 नालों की 98.880 किमी0 लम्बाई में सफाई कराई गयी। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में 46 नालो की 317.08 किमी0 लम्बाई में सफाई करायी जा रही है। नालों पर सफाई के कार्यो से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि जलप्लावन से मुक्त हो सकेगी जिससे कृषको की फसलों की क्षति को रोका जा सकेगा। उन्होंने कार्याे में लगे अधिकारियों को कार्याे की गुणवत्ता, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये तथा आगाह किया कि बाढ़ कार्यो में किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के द्वारा कदापि कोई शिथिलता न बरती जाये। यदि इन कार्याे में किसी अधिकारी व कर्मचारी द्वारा कोई लापरवाही की जाती है तो उनकेे विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जायेगी। ठेकेदारों को भी सचेत किया गया कि महामारी की आड़ में यदि किसी ठेकेदार के कार्य में गुणवत्ता प्रभावित होती है तो उनका भुगतान बिल्कुल नहीं किया जायेगा। कार्य स्थल पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत कार्य स्थल पर प्रोटोकाल के निर्देशों का कड़ाई से सतत् अनुपालन सुनिश्चित किया जाये तथा श्रमिकों को मास्क, सेनेटाईजर आदि उपलब्ध कराते हुए उन्हे बार-बार इसके प्रयोग के निर्देश भी दिये जाये। निरीक्षण उपरान्त जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह जी कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता से संतुष्ट नजर आये।निरीक्षण के दौरान सांसद अजय मिश्र टेनी, विधायक शशांक वर्मा, डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, एसपी विजय दुल, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियन्ता (परि0 एवं नियो0) अशोक कुमार सिंह, मुख्य अभियन्ता (शारदा) बरेली सूरज पाल सिंह, प्रबन्ध निदेशक उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड नवीन कपूर, अधिशासी अभियन्ता राजीव कुमार, परियोजना प्रबन्धक पंकज वर्मा आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट : दिनेश सिंह सोमवंशी
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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