रायबरेली। आज होटल सारस में प्रेस वार्ता करती हुई अदिति सिंह ने कहा कि रायबरेली ऊंचाहार एन टी पीसी में हुवे हादसे में कई लोगो की जान बचाई जा सकती थी अगर रायबरेली एम्स के कार्यो पर ध्यान दिया गया होता और पिछली यूपी सरकार की ओर से रायबरेली में 1100 बेड के अत्याधुनिक एम्स के निर्माण का काम शुरु किया गया था। ताकि रायबरेली सहित आस पास के जिलो के लोगो लोगो को बेहतर इलाज व सुविधाएं मिल सके।
पिछले 3 सालों में एम्स के विकास का 2 प्रतिशत काम भी नही किया गया। अगर रायबरेली में एम्स का विकास किया गया होता तो शायद बच जाती कई लोगो की जान और कहा कि एम्स के निर्माण के लिए प्रथम किश्त में 170 करोड़ रुपये मिलने के बाद बजट ना मिलने के कारण एम्स का विकास कार्य रोक दिया गया 2009 में केंद्र सरकार की ओर से रायबरेली एम्स के निर्माण की मंजूरी मिली। जिसके निर्माण में 839 करोड़ के बजट का निर्धारण किया गया। इसके बाद वर्ष 2012 में 97 एकड़ जमीन एम्स अस्पताल के लिए अधिग्रहित हुई लेकिन उसके बाद 57 एकड़ जमीन का अधिग्रहण अभी बाकी पड़ा है। जुलाई 2015 में प्रोजेक्ट का बजट बढ़ाकर 1427 करोड़ किया गया लेकिन 170 करोड़ मिलने के बाद अगले बजट की मंजूरी की वित्त समिति द्वारा नही दी गई तो यह राजनीति नही है तो फिर क्या है तो क्या सिर्फ और सिर्फ भोली भाली जनता राजनीति दलों का शिकार होती रहेगी।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
पिछले 3 सालों में एम्स के विकास का 2 प्रतिशत काम भी नही किया गया। अगर रायबरेली में एम्स का विकास किया गया होता तो शायद बच जाती कई लोगो की जान और कहा कि एम्स के निर्माण के लिए प्रथम किश्त में 170 करोड़ रुपये मिलने के बाद बजट ना मिलने के कारण एम्स का विकास कार्य रोक दिया गया 2009 में केंद्र सरकार की ओर से रायबरेली एम्स के निर्माण की मंजूरी मिली। जिसके निर्माण में 839 करोड़ के बजट का निर्धारण किया गया। इसके बाद वर्ष 2012 में 97 एकड़ जमीन एम्स अस्पताल के लिए अधिग्रहित हुई लेकिन उसके बाद 57 एकड़ जमीन का अधिग्रहण अभी बाकी पड़ा है। जुलाई 2015 में प्रोजेक्ट का बजट बढ़ाकर 1427 करोड़ किया गया लेकिन 170 करोड़ मिलने के बाद अगले बजट की मंजूरी की वित्त समिति द्वारा नही दी गई तो यह राजनीति नही है तो फिर क्या है तो क्या सिर्फ और सिर्फ भोली भाली जनता राजनीति दलों का शिकार होती रहेगी।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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