कानपुर। किसी स्वयंसेवी के माध्यम से चाइल्डलाइन के निशुल्क नंबर 1098 पर रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर को सूचना दी गई कि लॉकडाउन के चलते कुछ प्रवासी मजदूर अपने 23 बच्चों के साथ कानपुर सेंट्रल से गया बिहार जा रहे हैं लेकिन गर्मी अधिक होने के कारण उनके पास जो भोजन था वह खराब हो चुका है उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह अपने बच्चों की खाने की व्यवस्था कर सकें| बच्चे बहुत भूखे हैं और यह सभी बच्चे अपने परिजनों के साथ कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर हैं| यह सूचना रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर को प्राप्त होते ही रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर की टीम बच्चों व उनके परिजनों के पास पहुंची और बच्चों व उनके परिजनों को लंच पैकेट बिस्कुट केले व जूस दिया गया| सभी बच्चे व उनके परिजन भोजन पाकर उनके चेहरे खिल उठे| और उन्होंने रेलवे चाइल्ड लाइन का बहुत-बहुत धन्यवाद दिया साथ ही वहां उपस्थित लोगों को रेलवे चाइल्ड लाइन के निदेशक कमल कांत तिवारी जी ने बताया कि अगर आपको कोई भी मुसीबत में फंसा बच्चा घर से भागा हुआ अनाथ बेसहारा भूखा किसी के द्वारा सताया हुआ बच्चा दिखाई दे या कोविड-19 के कारण किसी भी बच्चे के माता पिता की मृत्यु हो गई हो उनकी देखरेख करने वाला कोई ना हो तो ऐसे बच्चों की सूचना चाइल्डलाइन के निशुल्क नंबर 1098 पर दें ताकि चाइल्ड लाइन के सदस्यों द्वारा ऐसे बच्चों की पूरी तरह से मदद की जा सके इस पूरे प्रकरण में रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर समन्वयक गौरव सचान काउंसलर मंजू लता दुबे रीता सचान संगीता सचान उमाशंकर प्रदीप पाठक दिनेश सिंह अमिता तिवारी अनामिका मिश्रा आदि उपस्थित रहे|
रिपोर्ट : मधुकर राव मोघे
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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