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Friday, June 11, 2021

कोविड-19 से प्रभावित बच्चों को उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से मिलेगी सहायता

रायबरेली। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाने के निर्देश दिए है। इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सतीश कुमार मगन ने बताया कि कोविड-19 में जो बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं, उनके जीवन को संवारने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारम्भ किया गया है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि इस तत्परता का मूल उद्देश्य परेशान बच्चों को तत्काल मदद पहुँचाना है और उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है। इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान शासन द्वारा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जिन बच्चों को लाभान्वित किया जाना है, उनकी श्रेणी तय कर दी गई है। योजना में 0 से 18 साल के ऐसे बच्चे शामिल किये जाएंगे, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड-19 से हो गई है या माता-पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2020 से पहले हो गई थी और दूसरे की मृत्यु कोविड काल में हो गई अथवा दोनो की मौत एक मार्च 2020 से पहले हो गई थी और वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड काल में हो गई। इसके अलावा 0 से 18 साल से ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड काल में हो गई हो और वह प.िरवार का मुख्य कर्ता-धर्ता हो और वर्तमान में जीवित माता-पिता सहित परिवार की आय 2,00,000 रुपये प्रति वर्ष से अधिक न हो। ऐसे लोगों को योजना में शामिल किया गया है।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि योजना की श्रेणी में आने वाले 0 से 10 साल के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में 4,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इसके साथ यह शर्त होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिए बच्चे का पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो, समय से टीकाकरण कराया गया हो और बच्चे के स्वास्थ्य व पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो। इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गए हो और बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के तहत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराए गए हो, उनके कक्षा 6 से 12वी तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा। 11 से 18 साल के बच्चों की कक्षा 12वी तक की मुफ्त शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा। ऐसे वैध संरक्षक को विद्यालयों को 3 माह की अवकाश अवधि के लिए बच्चे की देखभाल के लिए प्रतिमाह 4,000 रुपये की दर से 12,000 रुपये प्रतिवर्ष खाते में दिए जाएगे। यह राशि कक्षा 12 तक या 18 साल की उम्र जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जाएगी, यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हो तो बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए उनको 18 साल का होने तक यह कक्षा 12 की शिक्षा पूरी होने तक 4,000 रुपये की धनराशि दी जाएगी। बशर्ते बच्चे का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने पर शादी के लिए 1,01,000 रुपये दिये जाएगे। कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 साल तक के बच्चों को टेबलेट, लैपटॉप की सुविधा दी जाएगी। ऐसे बच्चों की चल अचल संपत्तियों की सुरक्षा के प्रबंध होगे। जिला बाल संरक्षण इकाई व बाल कल्याण समिति द्वारा चिन्हांकन के 15 के भीतर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कराई जाएगी। निर्धारित प्रारूप पूर्ण रूप से भरकर ऑनलाइन तरीके से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम विकास पंचायत अधिकारी, विकासखंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय पर जमा करना होगा। शहरी क्षेत्रों में लेखपाल, तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा किए जा सकते हैं। माता-पिता की मृत्यु से दो वर्ष के भीतर आवेदन या अनुमोदन की तिथि से लाभ अनुमन्य होगा।

रिपोर्ट : जावेद आरिफ 
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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