कानपुर । बिठूर आदि तीर्थ पर लगने वाले ऐतिहासिक मिलो में जेठ दशहरा का मेला जिसे गंगा दशहरा भी कहते हैं सबसे बड़ा मेला माना जाता है बताते चले हजारो साल पहले आजही के दिन भगवती गंगा पितामह ब्रह्मा जी के कमण्डल से विष्णू भगवान का चर्णोदक के रूप मे गंगा जी का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था जिनका वेग पृथ्वी पर भगवान भोले नाथ ने अपनी जटा मे समाहित कर लिया था आजही के दिन आल्हा के पुत्र इन्दल का अपहरण जादूगरनी मेला ने इसी दिन किया था और अपने पिंजडे मे तोता बना कर रख लिया था कानपुर के अलावा अन्य जनपदो से लाखों की तादाद में श्रद्धालु गंगा स्नान करने बिठूर तीर्थ पर आते हैं। इस मेला व्यवस्था को लेकर के इस बार व्यवस्थाएं शून्य पर है। नवागंतुक प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र सिंह ने पुलिस बल के साथ घाटों का निरीक्षण किया। और मेला व्यवस्था की ड्यूटी चार्ट का निर्धारण भी किया गया। कल सुबह जेठ दशहरा गंगा दशहरा का मेला लगना है जिसकी व्यवस्था को लेकर के ब्रह्मा व्रत घाट, बारादरी घाट, पत्थर घाट, सीता घाट, छप्पर घाट, का निरीक्षण किया और घाट पर मौजूद सभी तीर्थ पुरोहितों को सख्त निर्देश दिए। घाटों का निरीक्षण करने पहुंचे नवागंतुक प्रभारी निरीक्षक को बिठूर आगमन पर गंगा सभा अध्यक्ष शिवदीन द्विवेदी ने बधाई दी।
रिपोर्ट : मधुकर राव मोघे
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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