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Tuesday, June 8, 2021

तहसील लालगंज की 1 ग्राम डलमऊ 4 ग्राम व सलोन 2 ग्राम की भूमि गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना हेतु पुनर्ग्रहीत : डीएम

तहसील लालगंज की ग्राम हरीपुर निहस्था सहित डलमऊ की ग्राम सुल्तानपुर जाला, तेरूखा, लोदीपुर उतरांवा, इस्माइलमऊ एवं सलोन की ग्राम डोमापुर व मीरजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु भूमि पुनर्ग्रहीत
रायबरेली। मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यूपीडा, पर्यटन भवन लखनऊ के अनुक्रम में उप जिलाधिकारी लालगंज जिला रायबरेली के संस्तुति सहित पुनग्र्रहण प्रस्ताव व शासनादेश तथा शासकीय अधिसूचना द्वारा प्रतिनिहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने ग्राम हरीपुर निहस्था, परगना खीरों, तहसील लालगंज, जिला रायबरेली को जो अब तक उपरिवर्णित शासनादेश के अनुसार अपने अधिकार लेकर कर भूमि का जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार (समस्त परिसंपत्तियों को सम्मिलित करते हुए) कुल मूल्य रुपए 25,65,600 (पच्चीस लाख, पैसठ हजार, छः सौ) रुपये एवं पुनर्ग्रहीत भूमि का पंजीकृत मूल्य मालगुजारी का 150 गुना अर्थात 4944 (चार हजार नौ सौ चवालीस) रुपये होता है, जिसे ‘‘उत्तर प्रदेश शासन, एवं औद्योगिक विकास विभाग लखनऊ’’ के निवर्तन में रखते हुए गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना हेतु उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) लखनऊ के पक्ष में शासनादेश के अनुसार निहित व्यवस्थानुसार, निःशुल्क प्रदत्त की है। इसी क्रम में उप जिलाधिकारी डलमऊ जिला रायबरेली के संस्तुति सहित पुनग्र्रहण प्रस्ताव व शासनादेश तथा शासकीय अधिसूचना द्वारा प्रतिनिहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने ग्राम सुल्तानपुर जाला, परगना व तहसील डलमऊ, जिला रायबरेली को जो अब तक उपरिवर्णित शासनादेश के अनुसार अपने अधिकार लेकर कर भूमि का जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार (समस्त परिसंपत्तियों को सम्मिलित करते हुए) कुल मूल्य रूपये 63,720 (तिरसठ हजार सात सौ बीस) रुपये एवं पुनर्ग्रहीत भूमि का पंजीकृत मूल्य मालगुजारी का 150 गुना अर्थात् 135 (एक सौ पैंतीस) रुपये होता है। इसी प्रकार जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने ग्राम तेरूखा, परगना व तहसील डलमऊ, जिला रायबरेली को जो अब तक उपरिवर्णित शासनादेश के अनुसार अपने अधिकार लेकर कर भूमि का जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार (समस्त परिसंपत्तियों को सम्मिलित करते हुए) कुल मूल्य रूपये 20,86,950 (बीस लाख छियासी हजार नौ सौ पचास) रूपये एवं पुनर्ग्रहीत भूमि का पंजीकृत मूल्य मालगुजारी का 150 गुना अर्थात् 5426 (पांच हजार चार सौ छब्बीस) रूपये होता है। इसी प्रकार जिलाधिकारी ने ग्राम लोदीपुर उतरावां, परगना व तहसील डलमऊ, जिला रायबरेली को जो अब तक उपरिवर्णित शासनादेश के अनुसार अपने अधिकार लेकर कर भूमि का जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार (समस्त परिसंपत्तियों को सम्मिलित करते हुए) कुल मूल्य रूपये 1,39,140 (एक लाख उनतालीस हजार एक सौ चालीस) रुपये एवं पुनर्ग्रहीत भूमि का पंजीकृत मूल्य मालगुजारी का 150 गुना अर्थात् 300 (तीन सौ) रूपये होता है। जिलाधिकारी ने ग्राम इस्माइलमऊ, परगना व तहसील डलमऊ, जिला रायबरेली को जो अब तक उपरिवर्णित शासनादेश के अनुसार अपने अधिकार लेकर कर भूमि का जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार (समस्त परिसंपत्तियों को सम्मिलित करते हुए) कुल मूल्य रूपये 1,19,850 (एक लाख उन्नीस हजार आठ सौ पचास) रूपये एवं पुनर्ग्रहीत भूमि का पंजीकृत मूल्य मालगुजारी का 150 गुना अर्थात 312 (तीन सौ बारह) रुपये होता है। इसी क्रम में उप जिलाधिकारी सलोन जिला रायबरेली के संस्तुति सहित पुनग्र्रहण प्रस्ताव व शासनादेश तथा शासकीय अधिसूचना द्वारा प्रतिनिहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने ग्राम डोमापुर, परगना व तहसील सलोन, जिला रायबरेली को जो अब तक उपरिवर्णित शासनादेश के अनुसार अपने अधिकार लेकर कर भूमि का जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार (समस्त परिसंपत्तियों को सम्मिलित करते हुए) कुल मूल्य रूपये 14,75,040 (चौदह लाख पचहत्तर हजार चालीस) रुपये एवं पुनर्ग्रहीत भूमि का पंजीकृत मूल्य मालगुजारी का 150 गुना अर्थात् 2634 (दो हजार छः सौ चौतीस) रुपये होता है। इसी प्रकार जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने ग्राम मीरजहांपुर, परगना व तहसील सलोन, जिला रायबरेली को जो अब तक उपरिवर्णित शासनादेश के अनुसार अपने अधिकार लेकर कर भूमि का जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार (समस्त परिसम्पत्तियों को सम्मिलित करते हुए) कुल मूल्य रूपये 12,52,800 (बारह लाख बावन हजार आठ सौ) रूपये एवं पुनर्ग्रहीत भूमि का पंजीकृत मूल्य मालगुजारी का 150 गुना अर्थात् 1950 (एक हजार नौ सौ पचास) रूपये होता है। इसी सभी भूमि को ‘‘उत्तर प्रदेश शासन, एवं औद्योगिक विकास विभाग लखनऊ’’ के निवर्तन में रखते हुए गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना हेतु उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) लखनऊ के पक्ष में शासनादेश के अनुसार निहित व्यवस्थानुसार, निःशुल्क प्रदत्त की है।

रिपोर्ट : जावेद आरिफ 
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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