उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 16 जून को हुए पुलिस पर पथराव के मामले में भीड़ से बचाव के लिए उपयोग की गई टोकरी और सर में रखे स्टूल ने उन्नाव पुलिस की खूब किरकिरी भी हुई थी इस घटना में 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। वहीं इस बवाल को लेकर सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था। इस ट्वीट के बाद पुलिस के आलाधिकारियों ने लापरवाही को देखते हुए 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था।वहीं अब सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उन्नाव पुलिस के समर्थन में उतर आए हैं और बीजेपी सरकार पर सवाल उठाया है। सपा अध्यक्ष ने ट्वीट किया है, 'उन्नाव में जिन पुलिसकर्मियों ने खतरा मोल लेते हुए, अचानक ख़तरनाक हुई परिस्थितियों में रक्षात्मक उपकरणों के अभाव में अपना कर्तव्य निभाया, उन्हें निलंबित करना नाइंसाफ़ी है. भाजपा सरकार रक्षात्मक उपकरण उपलब्ध न करा पाने पर अपनी गलती माने और दोनों पुलिसकर्मियों को तुरंत बहाल करे।
25 हजार का इनाम, 3 चिन्हित
आपको बता दें की उन्नाव पुलिस ने 16 जून को लोगों को उकसाकर बवाल करवाने वाले तीन लोगों के फोटो जारी कर इनाम घोषित कर दिया है. पुलिस ने तीनों आरोपियों पर 25-25 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। बता दें मामले में इंस्पेक्टर कोतवाली दिनेश मिश्रा, फोटो में सिर पर स्टूल रखे कोतवाली के हेडकांस्टेबल विजय कुमार और हाथ में डलिया लेकर अपना बचाव करने वाले पुलिस लाइन के कांस्टेबल रामाश्रय यादव को सस्पेंड कर दिया है। आईजी लखनऊ रेंज ने लक्ष्मी सिंह ने पूरे मामले की जांच एडिशनल एसपी रायबरेली को सौंपते हुए सीओ सिटी कृपा शंकर से स्पष्टीकरण मांगा और मगरवारा चौकी इंचार्ज अखिलेश यादव को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल डीजीपी की नाराजगी की वज़ह बनी वो फ़ोटो जिसमें सिपाहियों ने स्टूल और डलिया का इस्तेमाल किया. हर ज़िले को पर्याप्त मात्रा में एंटी रॉयट उपकरण दिए जाते हैं और समय-समय पर उसकी ट्रेनिंग भी करवाई जाती है. दंगों और कानून व्यवस्था की चुनौती जैसे माहौल से निपटने की एक एसओपी भी है, जिसका पालन नहीं किया गया. उन्नाव के एसपी आनंद कुलकर्णी ने कहा कि कल की घटना में अब तक 43 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
रिपोर्ट : अमित सिंह
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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