सलोन, रायबरेली । ज्येष्ट मास में सुहागिन महिलाओं ने अपने पति कि लम्बी आयु सुख समृद्धि कि कामना के लिए वट वृक्ष कि पूजा करने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया सुबह से ही गांव के बाहर काफी संख्या में महिलाएं वट वृक्ष की पूजा कर परिक्रमा करती दिखी पौराणिकरचलित मान्यताओं के अनुसार वट सावित्री व्रत बहुत महत्वपूर्ण व्रत में से एक है इस दिन सभी सुहागिन स्त्रियां पौराणिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन सावित्री यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लेकर आई थी तभी से इस व्रत को विशेष मान्यता मिली और इसीलिए इस व्रत को बेहद खास माना जाता है और सभी सुहागिन महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु के लिए सावित्री जैसा अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए इस व्रत को पूरी श्रद्धा और आस्था से करती हैं इस तिथि को बरगद आही अमावस्या के नाम से जाना जाता है सभी महिलाएं कामना करते हुए विधि विधान से सुहागिन महिलाएं बरगद वृक्ष की परिक्रमा करके विधि विधान से पूजा करती हैं और अपने पति के दीर्घायु की कामना करते हुए अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए व्रत रखती है।
रिपोर्ट : जावेद आरिफ
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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