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Saturday, August 3, 2019

वज्रपात के दौरान सावधानियां बरतेंं जनपदवासियों से अपील : डीएम नेहा शर्मा


रायबरेली ।। खराब मौसम को देखते हुए जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने राहत आयुक्त उ0प्र0 शासन से वज्रपात के दौरान ‘‘क्या करे-क्या न करें’’ के सम्बन्ध में प्राप्त गाइड लाइन के अनुसार जनपदवासियों की सुरक्षा के दृष्टिगत अपील जारी करते हुए कहा है कि चक्रवात, बाढ, सूखा, भूकंप, वज्रपात और आंधी आदि के कारण प्राकृतिक आपदा हो सकती है।जनपद में विशेष रूप से मानसून की अवधि के दौरान कई आपदाओं का खतरा रहा है। हाल के वर्षा में वज्रपात एक अत्यन्त खतरनाक प्रायः घटित होने वाली आपदाओं में से एक है। आमजन-मानस के मध्य इसके प्रति जागरूकता का काफी अभाव है, जिसके कारण प्रदेश मे बड़ी संख्या में जनहानि हो रही है।  जिलाधिकारी ने नेहा शर्मा ने जनपदवासियों से अपील करते हुए कहा है कि वज्रपात एक प्राकृतिक आपदा- आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते और घुमड़ते रहे है। यह विपरीत दिशा में जाते हुए टकराते हैं इससे होने वाले घर्षण के बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है। आसमान में किसी तरह का कंडक्टर न होने से बिजली पृथ्वी पर कंडक्टर की तलाश मं पहुंच जाती है जिससे नुकासन पहुंचता है। धरती पर बिजली पहुचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है। आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल-बगल से गुजरती हे तो वह कंडक्टर काम करता है। उस समय यदि कोई व्यक्ति उसके सम्पर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है। उन्होंने बताया कि आसमानी बिजली का असर हयूमनबाडी पर कई गुना होता है। डीप बर्न होने से ट्यूज हैमेज हो जाते है। उनको आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता है। बिजली का असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। हर्टअटैक होने से मौत हो जाती है। इसके असर से शरीरिक अपंगता का खतरा होता है। लोगों द्वारा जोखिम कम कर के और अपनाये जाने वाले सुरक्षा उपयोग के बारे में जागरूकता कमी के कारण बिजली गिरने और वज्रपात के दौरान जोट और मृत्यु हो जाती है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जनपदवासियों को वज्रपात (बिजली गिरने) से बचने के लिए क्या करे और क्या न करें के बारे में बताया कि वज्रपात के दौरान आसमान में अंधेरा छा जाये और तेज हवा हो तो सर्तक हो जाये। यदि आप गड़गड़ाहट सुनते हैं तो समझ लें कि वज्रपात होने वाला है। जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो बाहर न जाये। उन्होंने बताया कि उक्त परिस्थितियों में घर के अन्दर रहे और यदि सम्भवहो यात्रा से बचें चूंकि साइकिल, मोटर साइकिल, टै्रक्टर आदि वाहनों से नीचे उतरे जाये क्योकि यह बिजली को आकर्षिक कर सकते हैं। अपने घर के बाहर खिड़कियों दरवाजों को सुरक्षित वस्तुओं से बन्द कर दें तथा यह सुनिश्चित करें कि बच्चें और जानवर अन्दर हैं। अनावश्यक बिजली के उपकरण को अनप्लग करें तथा पेड़ की लकड़ी या किसी अन्य मलबे को हटा दे जो हवा में उड़कर दुर्घटना का कारण बन सकता है। उन्होंने बताया कि वज्रपात पशुधन के लिए एक बड़ा खतरा है। आंधी के दौरान पशुधन अक्सर पेड़ों के नीचे इकट्ठा हो जो है और एक ही वज्रपात में कई जानवरों की जान जा सकती है। ऐसे में जानवरों को आश्रय में ले जाना चाहिए। वज्रपात होने पर धातु के औजार जैसे- कुदाल, कुल्हाड़ी, छाता, धातु का झूला, बगीचे की धातु की कुर्सी कैंची चाकू आदि जैसी धातु की वस्तुओं से निकटता से बचने के लिए सावधानियां बरती जाये। यदि आप सेन्ट एल्मों फायर (कोराना डिस्चार्ज) को देखते या सुनते है तो यह खतरा काफी गम्भीर है इससे बचना चाहिए। वज्रपात होने पर दोनों पैरों और घुटनों को मोड़कर फर्श पर बैठ जाये और कान दोनों हाथों से बन्द कर लें आदि सावधानियां जनमानस को वज्रपात होने पर बरतनी चाहिए।

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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