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Monday, July 29, 2019

गन्ना किसान अब परम्परागत बुवाई के तरीको को छोड़कर नई-नई बुवाई की विधियों को अपना रहे


अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
गौरव शुक्ला ब्यूरो चीफ शाहजहाँपुर
शाहजहाँपुर।। जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि ग्राम भेदपुर के किसान श्री राजीव कुमार सिंह के गन्ने के खेत का निरीक्षण किया गया, क्षेत्र भ्रमण के दौरान डा0 सुनील कुमार कनौजिया, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक रौजा, श्री ब्रजेश शर्मा, जी.एम(केन), श्री सुरेन्द्रमान वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक, रौजा चीनी मिल उपस्थित थे। जनपद-शाहजहाॅपुर के गन्ना किसान अब परम्परागत बुवाई के तरीको को छोड़कर नई-नई बुवाई की विधियों को अपना रहे है। बुवाई के नये तरीके अपनाकर जहाॅ एक ओर लागत कम आती है वही उत्पादन अधिक होने से आमदनी बढ़ जाती है। कुछ समय पहले अधिकांश किसान समतल खेत में सामान्य विधियों से बुवाई करते थें वही अब ट्रैंच विधि, पेयर्ड रो, डबल रो, रिंग विधि, सिंगल बड(एकल आॅख) विधि से बुवाई कर रहे है। ग्राम भेदपुर के किसान श्री राजीव कुमार सिंह ने टेªंच विधि से सिंगल बड द्वारा बुवाई किया है ंिसंगल बड विधि से जहाॅ एक ओर बीज की बचत होती है वही दूसरी ओर जमाव अच्छा होता है। इस विधि में गन्ने से एक आॅख के टुकड़े हस्तचालित एकल बड कटर से काट कर बुवाई करते है। हस्तचालित एकल बड कटर की कीमत रू. 2000-2500 है।
सिंगल बड विधि के लाभ-
1-गन्ने के बीज में 80 प्रतिशत तक की कमी आती है।
2-बचा हुआ गन्ना चीनी मिल में आपूर्ति कर सकते है। जूस निकाल सकते है या गुड़ बना सकते है।
3-श्षत-प्रतिशत अंकुरण होता है जिसमें से मिल योग्य स्वस्थ गन्ने निकलते है।
4-सिंगल बड बुवाई करने में समय कम लगता ह।ै परिवहन, टुकड़े करने, बुवाई आदि करने मे मजदूर कम लगते है।  
यह तकनीक किसानों के लिए कम खर्च करके अधिक मुनाफा कमाने का आसान विकल्प है। इसमें गन्ना बीज खर्च में 50 प्रतिशत तक की कटौती हो जाती है। गन्ने को 5 फीट की दूरी पर लाइन में ,कलिका से कलिका की दूरी 2 फीट रखकर बोते है। 7-9 माह के 400-500 गन्ने एक एकड़ की बुवाई के लिए पर्याप्त होते है। जिसमें एक गन्ने से 10-12 बड का चयन करते है। सामान्य विधि से जहाॅ 30-40 कु.एकड़ बीज लागत है वही सिंगल बड से 2-3 कु.एकड़ बीज लगता है। एक एकड़ में 4800 बड की जरूरत होती है। आवागमन खर्च कम लगता है तथा 2-3 कु. बीजोपचार के लिए 50-00 रू. ही खर्च आता है।बुवाई से पहले बड को क्लोरापायरीफास 2.0 मिली.ध्ली. एवं कार्बेन्डजिम  1.0 ग्रामध्ली0 पानी का घोल बनाकर उपचारित कर लेना चाहिए। इस विधि द्वारा 400-500 कु.ध्एकड़ उपज प्राप्त होता है। इसके साथ ही दलहन एवं तिलहन सहफसली खेती कर अधि आमदनी ले सकते है। इस विधि में गन्ने के बीज की लागत बहुत ही कम आती है तथा खर्च बच जाता है।

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