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Tuesday, May 11, 2021

सुपरफूड मोरिंगा पेड़ ही नहीं बल्कि मानव के लिए कुदरत का चमत्कार

कानपुर। के. वी. के. दलीपनगर, कानपुर देहात दुनिया के कई देश इस समय कोरोना वायरस के प्रकोप से पीड़ित हैं। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर हमारे जीवन पर काल बनकर टूट पड़ी है। इसीलिए सरकार ने 18 वर्ष से बड़े सभी लोगों के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन कराने के निर्देश दिये हैं और इसके नियन्त्रण हेतु प्रयास जारी हैं। इसके अतिरिक्त कोविड प्रोटोकाल जैसे मास्क पहनना, सोशल डिस्टेसिंग आदि का अनुपालन अनिवार्य कर दिया है। किन्तु इसके साथ-साथ हमें अपनी सेहत पर स्वयं भी ध्यान देने की जरूरत है।
कोविड से वे ही लोग सुरक्षित रह सकते हैं जिनका इम्यून सिस्टम या शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए हमारे आस-पास आसानी से उपलब्ध मोरिंगा के पौधे का सेवन बहुत ही लाभकारी है। मोरिंगा को हिन्दी में सहजन और अंग्रेजी में ड्रमस्टिक कहते हैं। मोरिंगा का उत्पत्ति स्थान भारत है जोसूखी जगहों पर भी आसानी से उग जाता है। यह एक ऐसा पौधा है जिसके अधिकतर भाग जैसे पत्तियां, फूल, फलियां, जड़ आदि का उपयोग किसी न किसी रूप में मनुष्य के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है। सहजन का पौधा औषधीय गुणों से भरा होता है। इसके अलग-अलग हिस्सों में 300 से अधिक रोगों की रोकथाम के गुण हैं। इसमें 92 तरह के मल्टीविटामिन, 46 तरह के एन्टीआक्सीडैन्ट्स, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड पाये जाते हैं। मोरिंगा में प्रोटीन्स, विटामिंस और मिनरल्स भरपूर होता है। मोरिंगा में संतरे के मुकाबले 7 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है और केले के मुकाबले 14 गुना ज्यादा पोटेशियम पाया जाता है। गाजर की तुलना में 10 गुना ज्यादा बीटा-कैरोटीन होता है, जोकि आँखों, स्किन और रोगप्रतिरोधक तंत्र के लिए बहुत लाभदायक है, दूध के मुकाबले 17 गुना ज्यादा कैल्सियम और पालक के मुकाबले 25 गुना ज्यादा आयरन पाया जाता है। इसके अलावा मोरिंगा में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, अमिनो एसिड आदि भी पाए जाते हैं।सहजन की पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं. मोरिंगा एंटीऑक्सीडेंट व बायोएक्टिव प्लांट कंपाउंड से भरपूर होते हैं जिस कारण से इम्यूनिटी स्ट्रोंग बनाये रखने में मदद मिलती है। एंटीऑक्सीडेंट्स कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से भी बचाते है।मोरिंगा की पत्तियों के प्लांट कैमिकल ब्लड शुगर को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं। मोरिंगा में कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। मोरिंगा में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर को बढ़ने नहीं देते हैं। मोरिंगा का उपयोग अस्थमा, मधुमेह, मोटापा, रजोनिवृत्ति के लक्षण और कई अन्य बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। सहजन हल्का रेचक है, अतः यह पेट साफ करता है. फाइबर की वजह से यह कब्ज दूर करता है. पेट के कीड़े और जीवाणुओं से भी सहजन मुक्ति दिलाता है. इसकी जड़ का पाउडर पेट के राउंड वर्म को खत्म करता है। सहजन में डाईयूरेटिक गुणों के कारण सहजन वजन घटाने में लाभकारी है। यही कारण है कि मोरिंगा को सुपरफूड या इम्यूनिटी बूस्टर कहा जाता है। भारतीय हरित कान्ति के पितामह प्रो० एम. एस. स्वामिनाथन ने मोरिंगा को “प्राकृतिकरूप से बायोफोर्टिफाइड पौधा” कहा है।चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौ० विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा गोद लिए भारत के प्रथम जैव संवर्धित गाँव अनूपपुर, कानपुर देहात में मा० कुलपति डा० डी.आर. सिंह जी के निर्देशन में अनूपपुर को कुपोषण मुक्त करने हेतु नोडल अधिकारी, डा. अशोक कुमार, अध्यक्ष के. वी. के.. कानपुर देहात द्वारा गांव के प्रत्येक घर में विकसित पोषण वाटिकाओं में मोरिंगा के पौधे निश्चित रूप से लगवाये गये हैं। गांव वालों को मोरिंगा की फलियां भी वितरित की जाती हैं।डा० अशोक कुमार, अध्यक्ष, डा० अरविन्द कुमार, मृदा वैज्ञानिक एवं डा० राजेश राय, प्रसार वैज्ञानिक, रवि प्रताप आदि मंजूर थे।

रिपोर्ट : मधुकर राव मोघे
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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