सीतापुर। आदर्श नगर पंचायत हरगाँव में कालाबाजारी अपनी चरम सीमा पर चल रही है यहां के कालाबाजारी आपदा में अवसर ढूंढ कर पूरी तरह से अपनी तिजोरियों को भरने में लगे हैं। जब कि पूरा विश्व कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा है तब यहां के व्यापारी लॉकडाउन व कोविड-19 के प्रोटोकाल को ताक पर रखकर अपने व्यवसाय को चमकाने में मस्त हैं। बार बार समाचारों के प्रकाशन के बाद भी जिम्मेदारों के द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने से स्पष्ट हो रहा है कि उच्च स्तरीय संरक्षण में लाँक डाउन का फायदा उठा कर यहां के कालाबाजारी आपदा में नगर के अवसर तलाशने में जुटे हुए हैं। ऐसे कालाबाजारी शटर के नीचे से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।आदर्श नगर पंचायत हरगांव जिला मुख्यालय से मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है आदर्श नगर पंचायत हरगांव जो कि पड़ोसी जिला लखीमपुर खीरी को भी जोड़ता है। आदर्श नगर पंचायत मेन हाईवे पर स्थित है जिस कारण कई बड़े आला अधिकारीयों का आना जाना लगा रहता है। उसके बावजूद भी प्रशासन की नजर इन काला बाजारी करने वालों पर न पड़ना संदेह के घेरे में है। हरगाँव के दुकानदार आधा शटर खोल कर बेझिझक निरंतर काला बाजारी कर गरीब जनता को लूटने का कार्य कर रहे हैं और अपनी तिजोरिया पैसों से भर रहे हैं ऐसी आपदा के समय में जब छोटे से छोटा व्यक्ति भी किसी ना किसी रूप में किसी ना किसी की मदद के लिए हर समय तैयार रहता है ऐसे में यह व्यापारी लोग कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर किसी की मदद करना तो दूर खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य पर स्टाक की हुई वस्तुओं को बेचकर इस करोना कॉल को अपना आमदनी का जरिया बना बैठे हैं । कैमरे में कैद तस्वीरें जिम्मेदारों के मुंह पर तमाचा की तरह है ऐसी आपदा के समय में भी यह लोग सरकार की गाइड लाइन न मानकर लॉक डाउन का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। थाना हरगांव के प्रभारी निरीक्षक की नजर कालाबाजारी करने वाले कालाबाजारियों पर क्यों नहीं पड़ रही है क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है।नगर पंचायत के आस पड़ोस में सैकड़ों ग्राम सभाएं हैं जहां से मजदूर दिन भर मजदूरी करके 100 ₹200 कमा कर इन खाने की वस्तु लेने के बाद यदि गुटखा की आवश्यकता महसूस होती है तो उसको खुदरा मूल्य से कई गुना अधिक मूल्य पर खरीदना उसकी मजबूरी बन जाती है । यह व्यवसायी कोविड-19 की गाइड लाइन का भी पालन नहीं करते।इन व्यापारियों पर जिम्मेदारों के द्वारा कोविड-19 के तहत कार्रवाई क्यों नहीं नहीं की जाती है। इनकी लापरवाही एक न एक दिन सैकड़ों ग्राम सभाओं में करोना अपना बम फोड़ेगा।सूत्रों की मानें तो कमला पसंद की एजेंसी होल्डर कमाल अहमद के द्वारा 17400/- रू० का बोरा बड़ी शान से 22000/- रू० में बेचा जा रहा है इनके आगे बहार गुटखा भी डेढ़ से दो गुने दाम पर बेचा जा रहा है।अब देखना यह है कि लगातार कालाबाजारी के खिलाफ समाचार प्रकाशन के बाद क्या जिम्मेदार प्रशासन इनके विरुद्ध कार्यवाही करके गरीब जनता को राहत दिलाने का कार्य करेगा या यूं ही गरीब जनता इसी तरह लूटती रहेगी।
रिपोर्ट : अजय सिंह
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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