कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। भारत ऐसा देश है जहाँ विभिन्न जाति वर्ग के लोग निवास करते है। उनकी अपनी अपनी परम्परा त्योहार भी है। कुछ तो संयुक्त रूप से मनाई जाती है जिसमे दीपावली होली आदि तो कुछ अपने अन्दाज़ मे मनाए जाने का चलन है।उन्ही मे कोजागीरि यानि दूसरे मायनों मे शरद पूर्णीमा पर बच्चो के दीर्घ आयु की कामना को लेकर दक्षिण भारत मे माताए अपने बच्चो के लिए जहाँ ईश्वर से कामना करती है वही उनको रूचना लगा आरती उतारती है । उधर मथुरा मे भगवान कृष्ण द्वापर मे आज ही के दिन गोपियो सग रासलीला कर स्वयं को योगियों का सिर मौर्य साबित किया था। आज ही के दिन खीर बना खुले आकाश के नीचे रख दी जाती है माना जाता है खुले आकाश तले रखी खीर अमृत बन जाती है क्योंकि उस खीर के पात्र पर पूर्णिमा मे खिले चन्द्रमा का अमृत तुल्य प्रकाश खीर को अमृत बना देता है जिसे दूसरे दिन उसे ग्रहण करते है।
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Thursday, October 25, 2018
कोजागीरि पर माताओ ने बच्चो के दीर्घायु की कामना की
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