बिलारी,मुरादाबाद। यूं तो हमारा देश पर्वों से परिपूर्ण है ।उन्हीं पर्व में एक पर्व है अक्षय तृतीया इसी तिथि पर महर्षि परशुराम जी का भी जन्म तथा ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है तथा किए गए दान का अक्षय फल प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का बहुत ही महत्व है। उक्त विचार गायत्री परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ता आचार्य विजयपाल सिंह राघव ने अक्षय तृतीया पूजा के समय व्यक्त किए। शुक्रवार को प्रेम शांति सदन में अक्षय तृतीया पर्व पर भगवान विष्णु, मा लक्ष्मी और गणेश जी की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर उनसे प्राप्त फल के विषय में बताते हुए आचार्य विजयपाल सिंह राघव ने कहा कि अक्षय तृतीया पर शांत चित्त होकर नैवेद्य गेहूं का सत्तू, चने की दाल से विधि विधान से भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे घड़े, छाता ,चावल, नमक, चीनी आदि वस्तुओं का दान पुण्य कार्य माना गया है। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर अपने अच्छे आचरण और सद्गुणों से दूसरों का आशीर्वाद लेना अक्षय रहता है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा से इस दिन किया गया आचरण और सत्कर्म अक्षय फलदाई रहता है। इस अवसर पर आदित्य राघव कुमारी सजल राघव,रुचि राघव के साथ परिवार के सदस्य मौजूद रहे।
रिपोर्ट : राघवेंद्र सक्सेना बीनू
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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