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Sunday, May 28, 2017

पुलिस और वकीलों में झड़प

वकीलों के आगे फिर पुलिस बनी कमजोर

उन्नाव।।डिप्टी सीएम के आगमन से पहले विधायक आवास के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई फायरिग के मामले में नामित आरोपियों में एक ने शनिवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। उसे हाजिर कराने के दौरान पुलिस ने न्यायालय परिसर से आरोपी को गिरफ्तार करने का प्रयास किया। इस पर पुलिस और वकीलों में झड़प हो गई। विवाद बढ़ता देख सीओ और कोतवाल पिछले दरवाजे से चुपचाप वापस लौट गये। हंगामा और बवाल के बीच न्यायालय परिसर के बाहर गहमागहमी की स्थिति बनी रही।शुक्रवार को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा जिले में कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे। उनके आने से कुछ वक्त पहले ही ओवरब्रिज के निकट विवाद व फाय¨रग शुरू हो गई। जिसमें एक पक्ष से जितेंद्र ¨सह ने पांच नामित और 10 अज्ञात लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराया था। नामजद आरोपियों में कुलदीप ¨सह चौहान के आत्मसमर्पण करने की भनक पुलिस को लग गई। इससे पहले ही उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस न्यायालय परिसर में अपना जाल बिछाया। सीओ हृदयेश कुमार और कोतवाल संतोष तिवारी भी न्यायालय परिसर में मौजूद थे। कुलदीप ¨सह चौहान के अधिवक्ता विनोद त्रिपाठी आत्मसमर्पण का प्रार्थना पत्र लेकर आरोपी के भाई के साथ सीजेएम न्यायालय जा रहे थे। अधिवक्ता की मानी जाए तो पुलिस इसी में गच्चा खा गई और कुलदीप की जगह वकील के साथ रहे उसके भाई को पकड़ लिया। इस पर वकील पुलिस से भिड़ गए। वकील और पुलिस के बीच झड़प की सूचना मिलते ही एक सैकड़ा से अधिक वकील वहां पहुंच गए। आक्रोशित वकील पुलिस के प्रयास को अवैधानिक बता हंगामा करने लगे। पहले तो सीओ ने सफाई देने का प्रयास किया, लेकिन बवाल बढ़ता देख वह मजिस्ट्रेट कक्ष की ओर चले गए। वकील न्यायालय मुख्यद्वार के सामने उनके वापस लौटने का इंतजार करते रहे, लेकिन सीओ और कोतवाल पीछे के रास्ते से वापस लौट गये। अभियुक्त कुलदीप चौहान के वकील ने कहा कि पुलिस ने मेरे साथ रहे कुलदीप के भाई को उठाने का प्रयास किया जिसका विरोध किया गया। अभियुक्त न्यायालय में आत्मसमर्पण कर चुका था। उनका कहना था कि न्यायालय परिसर से गिरफ्तारी का प्रयास करना अवैधानिक कृत्य है।
कृष्ण कान्त तिवारी ब्यूरो चीफ उन्नाव
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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