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Sunday, May 28, 2017

वह रे किस्मत डोली के साथ उठी अर्थी

वह रे किस्मत डोली के साथ उठी अर्थी

उन्नाव। जिस घर से बेटी की डोली उठनी थी उस घर से पिता की अर्थी उठेगी ऐसा किसी ने कल्पना तक ना की थी। कन्यादान के पहले ही पिता की हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई। शहनाई मातम के स्वर में बदल गई तो मांगलिक गीत करुण क्रंदन। कन्या और वर दोनों पक्षों के लोग इस घटना से अवाक थे। हर किसी की आंखों में आंसू डबडबा रहे थे तो पीहर जाने की खुशी में सजी संवरी कन्या बाप के मरने की सूचना सुन पछाड़ खाकर गिर गई। काफी विचार मंथन के बाद भांवरों की रस्म पूरी कर बेटी को विदा किया गया। विदाई की रस्म के बाद वह वापस आ गई। बाप का शव देख वह किस्मत को कोसते हुए दहाड़मार कर रो पड़ी।बीघापुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचम खेड़ा मजरे कटरा निवासी मेवालाल के घर उसकी बेटी बबिता की बरात थाना अचलगंज के ग्राम बौवन खेड़ा से शुक्रवार को आई थी। अगवानी और द्वारचार की रस्म के बाद भांवरों की तैयारी चल रही थी इसी बीच अचानक मेवालाल के सीने में दर्द शुरु हुआ। वह वहीं अचेत होकर गिर गया। नाते रिश्तेदार उसे बीघापुर कस्बे के एक निजी चिकित्सक के पास ले गए जिसने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कन्यादान और भांवर पड़ने के पहले हुए हादसे से वर व कन्या पक्ष के लोग सन्न रह गए। पहले तो कन्या को जानकारी नहीं दी गई लेकिन अचानक बदले माहौल से कन्या को अनहोनी का आभास हो गया। उसने परिजनों से पूछा पापा की तबियत कैसी है तो सभी के गले रुंध गए कोई आवाज नहीं निकली। इससे वह दहाड़ मारकर रो पड़ी। किसी तरह समझा बुझा विवाह की रस्म पूरी की गई उसके बाद परिजन शव लेकर घर आए। और सारे कार्यक्रमों के बाद मेवालाल के पार्थिव शरीर को घर लाये। शव घर आते ही कोहराम मच गया।

कृष्ण कान्त तिवारी ब्यूरो चीफ उन्नाव
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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