गाय माता को समाजसेवी सलमान ने माना हिंदुस्तान वतन की माता
शाहजहाँपुर। शहीदों की धरती शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान में प्रसिद्ध है यहां के बारे में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान की दोस्ती का एकता संदेश सभी जगह जाना जाता है। रामायण और ग्रंथों में लिखा है कि गाय हमारी माता है । हिंदुओं में गाय को माता माना जाता है परंतु आज के युग में लोग अपनी उस माता तक को भूलते जा रहे हैं जिसकी कोख से जन्म लिया है। इस समाज में अगर कोई हिंदू गाय माता की सेवा करता है तो बहुत बड़ा आश्चर्य नहीं है क्योंकि यह हिंदुओं को प्रारंभ से कहानियों के माध्यम से और धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से और साथ ही साथ समाजीकरण के माध्यम से कहीं न कहीं पता चल जाता है परंतु अगर कोई मुसलमान गाय माता की सेवा करता हो।गाय को पानी पिलाता हो और साथ ही साथ उसके कहीं चोट लग जाए तो उस पर मरहम और पट्टी लगाता हो तब सुनने में थोड़ा सा अटपटा जरूर लगेगा। अक्सर एक एक व्यक्ति का नाम कुछ लोगों के माध्यम से सुना था और सोशल मीडिया पर देखता था परंतु आज चलते-फिरते उस व्यक्ति को देखा और मैंने रोका। उस व्यक्ति से नाम पूंछा तब उसने अपना नाम सलमान बताया। सलमान ने बताया कि वह पेशे से एक फोटोग्राफर हैं वह जगह-जगह के कार्यक्रमों की फोटो खींचता है और अखबार वाले लोगों को उपलब्ध कराता है जिससे अखबार वाले कुछ खर्चा मासिक दे देते हैं जिससे उसका घरेलू खर्च चल जाता। सलमान बताते हैं कि वह खुद गाय पालता है और उसके घर में गाय है और अपनी माता के समान मानकर सेवा करता है सलमान का कहना है कि हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब यही के बनाए हुए चुनिंदा लोगों के नियम हैं और इन ठेकेदारों ने हमेशा बटवारा कराया है इन के माध्यम से एकता में रहना बहुत मुश्किल है सलमान का कहना है वह गाय की सेवा करता है जिससे उसके समुदाय के लोग भी उससे काफी खफा रहते हैं परंतु एक वतन के सच्चे सिपाही होने के नाते उसे इस बात की कोई परवाह नहीं है। सलमान से एक और दिलचस्प बात पता चली कि वह प्रतिदिन शहीदों की मूर्तियों की सुबह-सुबह सफाई करते हैं यह उनका नित्य रूटीन बन गया है। सलमान का कहना है कि जिला प्रशासन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि किस स्मारक पर या महापुरुष की मूर्तियों पर कूड़ा,मिटटी या जाला लगा है क्योंकि सलमान तो सफाई करता ही है। सलमान कि इस कार्यशैली से बहुत ही प्रसन्नता हुई और साथ ही साथ कुछ धर्म के ठेकेदारों के लिए यह एक बड़ी सीख है कि हिंदू और मुस्लिम बाद से बाहर निकालिए और समाज हित में कार्य कीजिए तथा जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को भी सीख लेनी चाहिए कि एक व्यक्ति जिसके पास कोई सरकारी निधि नहीं है फिर भी वह इतना सब करता है जबकि इसका उसे कोई वेतन तो मिलता नहीं है और न ही कोई पुरस्कार मिलता है तब इस कार्य के लिए जो जिम्मेदार लोग हैं। जिनको इस बात का वेतन मिलता है कि महापुरुषों की मूर्तियां साफ रहें, स्मारक साफ रहें। यह कार्य प्रतिदिन का है न की किसी एक विशेष एक दिन का जिसमें नेता और अधिकारी आकर चंद मिनटों के लिए दिखावा कर देते हैं और फोटो खिंचवा कर चले जाते हैं और ऐसी सफाई अखबारों तक सीमित रह जाती है।
नबी सलमान के द्वारा दी गया समाचार
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