साक्षात्कार -
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वर्ग संघर्ष की कहानी है पहल- सुरेश कुमार एकलव्य
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अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र । फिल्म जगत
फिल्म पहल के लेखक और गीतकार सुरेश कुमार एकलव्य का वर्षो से पत्रकारिता से जुड़ाव रहा है। उन्होंने देश के अनेक अखबारो में लेखन किया है । पत्रकारिता के दौरान देश भ्रमण से उन्होने भिन्न भिन्न लोगों की जीवनशैली को बहुत करीब से देखा है । संभवत वह पहल में लोगों की उसी जीवनशैली को पर्दे तक पहुंचाने का माध्यम बने हैं । हमने उनसे पहल के सैट पर मुलाकात की तो वह काफी जोशपूर्ण अंदाज के साथ मिले। हमने कुछ सवाल पूछे तो बहुत ही गंभीरता के साथ उन्होंने हमारे प्रत्येक सवाल का जवाब दिया ।
प्रश्न - पत्रकारिता करते- करते फिल्म लेखन का आइडिया कहां से आया ?
उत्तर - फिल्म लेखन के विषय मे मैने सोचा ही नही था। आज से 20-21 वर्ष पूर्व एक टीवी सीरियल राशि लिखा था। इसमे पंकज बेरी और गुरूषा कपूर ने काम भी किया ।मगर यह टेलीकास्ट नही हो पाया। फिर 2004 के पश्चात मैने सभी प्रकार के लेखन से इतिश्री कर ली । मगर पिछले साल रामसूरत बिंद जी से अचानक संपर्क हुआ। उन्होने एक फिल्म लिखने का प्रस्ताव रखा। वह चाहते थे मै उनके लिए ग्रामीण प्रष्ठभूमि पर एक शशक्त कहानी लिखूं। उन्होने कई सुझाव भी दिये । उसके पश्चात ही पहल लिखी गई ।
प्रश्न - पहल की कहानी के साथ पटकथा फिर गीत । जिम्मेदारी बहुत बढ गई आपकी ?
उत्तर - दरअसल कहानी लिखने के पश्चात अपनी कहानी की लोकेशन देखने की जिम्मेदारी भी मुझे ही दे दी गई । रामसूरत बिंद जी का तर्क था पहल की कहानी के साथ मै अधिक न्याय कर पाऊंगा । मुझे कहानी के अनुरूप पर्याप्त लोकेशन उपलब्ध हो गई तो पटकथा लिखने मे बहुत आसानी हो गई । पटकथा के पश्चात गीत मैने स्वयं तैयार किये। जिनकी सभी ने प्रशंसा की और तय हुआ कि फिल्म पहल मेरे लिखे गीतों को रखा जायेगा ।
प्रश्न - पहल किस उदेश्य को आगे बढाती है ?
उत्तर - पहल विकसित समाज के बीच जीवन यापन करने वाले उन लोगों को उदेश्य देती है जिन्हे जीवन का मतलब नही पता है । इस फिल्म की विशेषता यही है कि एक प्रेम कहानी के बीच यह उन कुरीतियों और सामाजिक विराम पर कुठाराघात करती है जो एक स्वस्थ जीवन के बीच मे विरोधाभास पैदा कर रहा है । पहल एक फिल्म होने के साथ साथ एक बहुत बड़ा आन्दोलन भी है। फिल्म प्रदर्शित होने का पश्चात लोग इसे स्वीकार भी करेंगे ।
प्रश्न - पहल अभी से चर्चा में है।आपको कितनी उम्मीदें हैं इस फिल्म से?
उत्तर - हमारी पूरी टीम पहल को लेकर बहुत उत्साहित है । इस फिल्म के लिए हम सभी ने बहुत मेहनत की है । हम चाहते हैं लोग इसे देखे मगर मनोरंजन के लिए नही । इस फिल्म में एक संदेश है । उसका अनुसरण मुश्किल नही । वह परिवर्तन की राह दिखाता है और लोगो मे एक आशा का संचार करता है। फिल्म का नाम पहल रखने का यही कारण है ।
प्रश्न - क्या आगे भी पहल जैसी फिल्म लिखेंगे ?
उत्तर - पहल जैसी कहानी केवल एक बार लिखी जाती है। भविष्य में और भी फिल्में लिखी जायेगी। मगर जो भी कहानी लिखूंगा दर्शक उनके विषय मे सिनेमाघर से बाहर निकलने पर विचार जरूर करेगा । वह उन्हे कभी नही भूलेगा।
प्रश्न - अपनी टीम के विषय में कुछ कहना चाहेंगे?
उत्तर - मै रामसूरत बिंद जी का आभारी हूं जिन्होंने मुझे अपनी टीम का हिस्सा बनाया । हमने बेहतर करने का प्रयास किया है । ईश्वर हमारे साथ है। आशा है आने वाले वक्त में हम और भी अच्छी फिल्मे दर्शको के सामने
लायेंगे ।
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