अतिकुपोषित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को दिये जा रहे पुष्टाहार तथा चैपाल लगाकर गावं में जन समस्याएं सुनते हुए विकास कार्यों की समीक्षा की
अतिकुपोषित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को दिये जा रहे पुष्टाहार तथा चैपाल लगाकर गावं में जन समस्याएं सुनते हुए विकास कार्यों की समीक्षा की
शाहजहाँपुर। जिलाधिकारी श्री नरेन्द्र कुमार सिंह ने आज अपने गोद लिए ब्लाॅक भावलखेड़ा के ग्राम चैढ़ेरा में जाकर अतिकुपोषित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को दिये जा रहे पुष्टाहार तथा चैपाल लगाकर गावं में जन समस्याएं सुनते हुए विकास कार्यों की समीक्षा की।जिलाधिकारी ने पाया कि ग्राम चैढ़ेरा में 3 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं जिनमें 449 बच्चे पंजीकृत हैं। उक्त केन्द्रों में अभी भी 49 बच्चे अति कुपोषित की श्रेणी में हैं। जिलाधिकारी ने वर्ष 2015 के अति कुपोषित बच्चों की सूची मगाकर जानकारी की कि कितने बच्चे अभी भी अति कुपाषित की श्रेणी में हैं। आंगनबांड़ी कार्यकत्री द्वारा दिये गये रजिस्टर का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने कई बच्चों का वजन अपने सामने करवाया। जिसमें पाया गया कि कुछ बच्चे अभी भी अति कुपोषित की श्रेणी में हैं। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जिलाधिकारी के गोद लिए गांव के बच्चे अगर अति कुपोषित हैं तो स्पष्ट है कि बाल विकास परियोजना द्वारा कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कड़े निर्देश दिये कि 2 माह के अन्दर यदि सभी बच्चे सामान्य श्रेणी में न हुए तो समस्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नौकरी से बाहर किया जायेगा, और सुपरवाइजर सी0डी0पी0ओ0 के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी जायेगी। गांव में चैपाल लगाकर विकास कार्यों की जानकारी करते हुए जिलाधिकारी ने पाया कि ग्राम पंचायत में अभी भी 46 लाख रूपये हैं और ग्राम पंचायत द्वारा विकास कार्य नही कराया जा रहा है। उन्होंने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी भावलखेड़ा को निर्देश दिये कि वह गांव पंचायत की बैठक कराकर कार्य योजना बनाकर विकास कार्य कराना शुरू करें। उन्होंने निर्देश दिये कि गांव में जल निकासी के लिए नाली/नाला सबसे पहले बनवायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि मनरेगा के अन्तर्गत तत्काल कार्य कराना शुरू कर दें। चैपाल में जिलाधिकारी ने पाया कि ग्राम पंचायत में 104 हैण्डपम्प हैं जिनमें 3 रिबोर योग्य हैं। उन्होंने जल निगम के जूनियर इंजीनियर को निर्देश दिये कि वह ग्राम पंचायत से आदेश लेकर तत्काल रिबोर करायें। गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को आवास देने के सम्बन्ध में परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 अजय प्रकाश ने बताया कि जिन लोगों का वर्ष 2011 की जनगणना सूची में नाम नहीं है और वह पात्र हैं तो ऐसे लोगों का सर्वेक्षण कर नाम लिख लिया जा रहा है। शासन से अनुमोदन प्राप्त होते ही उन्हें आवास बनाने की स्वीकृति व धनराशि भेजी जायेगी। जिलाधिकारी ने उक्त चैपाल में निर्देश दिये कि गंाव में शौचालय बनाने, पेंशन लाभार्थी, आवास लाभार्थी सहित राशनकार्ड में कौन पात्र व अपात्र है उसका विवरण दीवार पर पेन्ट करा दिया जाये। गांव वालो ने गांव में गत कई वर्षो से बने पानी के टैंक के चालू न होने पर शिकायत की। जिसपर जिलाधिकारी ने परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 को निर्देश दिये कि उक्त की जानकारी कर चालू करायें। उन्होंने कहा कि गांव की पूरी सफाई हो, गन्दगी नही होनी चाहियें। गांव का विकास कार्य तेजी से किया जाये।इस अवसर पर उपजिलाधिकारी रामजी मिश्रा सदर, प्रभारी चिकित्साधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी भावलखेड़ा आदि उपस्थित रहें।
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