आगरा ।। सैफ मियां ने हमें बताया कि वह हजरत शेख सलीम चिश्ती की पीढ़ी में से हैं और फिर उन्होंने हमें रमजान के बारे में बताया की बंदे को हर बुराई से दूर रखकर अल्लाह के नज़दीक लाने का मौका देने वाले पाक महीने को रमज़ान के रूप में अल्लाह ने हमें दिया है l इस माह में रोज़ेदार अल्लाह के नज़दीक आने की कोशिश के लिये भूक प्यास सहित तमाम इच्छाओ को रोकता है।बदले में अल्लाह अपने उस इबादत गुज़ार रोज़ेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों ओर बरकतों से नवाज़ता है।इस्लाम की पांच बुनियादों में रोजा भी शामिल है और इस पर अमल के लिए ही अल्लाह ने रमज़ान का महीना मुक़र्रर किया है खुद अल्लाह ने कुरान शरीफ में इस महीने का ज़िक्र किया है। हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से इरशाद है कि एक रोज़ेदार जब वो रोज़ा इफ्तार करते वक़्त दुआ करता है वो दुआ रद्द नही होती है और कहा कि रमज़ान के महीने में ज़कात अदा करना बेहद ज़रूरी है ज़कात ईद से पहले दे देना चाहिए ताकि ये गरीब लोगों तक पहुच सके और वो भी ईद की खुशियों में शरीक हो सके। रमज़ान में की गयी हर एक नेकी का सवाब कई गुना बढ़ जाता है ।इस महीने में एक रकआत नमाज़ अदा करने का सवाब 70 गुना बढ़ जाता है।साथ ही इस माह में दोज़ख़ के दरवाजे भी बंद कर दिए जाते हैं इस मौके पर से सेफ मिया के साथ पूर्व मंत्री यासीन अली उस्मानी कुछ अन्य लोग रोजा इफ्तार में मौजूद रहे थे।
सोनू सिंह ब्यूरो चीफ आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
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