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Sunday, May 26, 2019

एसएन में डॉक्टरों ने की फिर तीमारदार से मारपीट,रोजा खुलने की वजह से जल्दी डिस्चार्ज करने के लिए कहा गया था



आगरा।। सरोजनी नायडू (एसएन) मेडिकल कालेज में शनिवार को चिकित्सकों पर तीमारदारों के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है। तीमारदार ने इस बारे में कालेज के प्रिंसीपल से शिकायत की है। पीडि़त का आरोप है कि जब उसने चिकित्सकों से बच्चे को डिस्चार्ज करने के लिए कहा तो स्टाफ और चिकित्सकों ने गुस्से में आ गए और उसकी पिटाई लगा दी। जब उसकी पत्नी बीच में आयी तो उसके साथ भी अभ्रदता कर दी। लोहामंडी के रहने वाले अयूब ने बताया कि उसके सात वर्षीय बेटा सादिक अली शुक्रवार को सीढिय़ों से गिर गया। उसके सिर में चोटें आयी थी। सादिक को इमरजेंसी में भर्ती करवाया था। शनिवार सुबह १० बजे उसे सर्जरी बिल्ंिडग में रेफर कर दिया। डॉ. आलोक गुप्ता सादिक का इलाज कर रहे थे। दोपहर एक बजे के करीब अयूब ने सादिक का डिस्चार्ज करने के लिए कहा। इस बात पर कर्मचारियों से उसकी बहस हो गई। कर्मचारी एकजुट हो गए। डॉक्टरों और कर्मचारियों ने मिलकर उसे धुन डाला। पीडि़त की पत्नी भी उसके साथ थी। जब उससे विरोध किया तो उसके साथ भी अभ्रदता कर दी गई। पीडि़त ने इसकी शिकायत प्रिंसीपल डा. जीके अनेजा की की है। इस मामले को संजीदगी से लेते हुए प्रिंसीपल से डा. आलोक गुप्ता से जांच करने को कहा है। तीमारदार का कहना था कि वह रमजान से था। उसका बेटा बीमार है और डॉक्टर उसके साथ मारपीट कर रहे हैं। आगे से कभी भी सरकारी अस्पताल में अपने किसी भी रिश्तेदार का इलाज करवाने के लिए नहीं आऊंगा। उधर कालेज के प्रिंसीपल डा. जीके अनेजा का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। विभागाध्यक्ष को जांच के लिए कहा है।
अक्सर होते हैं ऐेसे मामले में सरकारी मशीनरी जरूरतमंदों के साथ सही बर्ताव नहीं करती है। गरीब और असहाय लोग ही सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं, लेकिन चिकित्सकों का बर्ताव ठीक नहीं होने के कारण आधा अधूरा इलाज करवाकर ही लौट जाते हैं। इलाज के दौरान अगर कोई तीमारदार डाक्टरों से सवाल-जवाब करता है तो उसे तीखा जवाब मिलता है। अगर तीमारदार ने डाक्टरों से बहस कर ली तो फिर तीमारदार के साथ मारपीट होती है।

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आमतौर पर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के व्यवहार से सभी परिचित हैं। डॉक्टर परामर्श देते समय मरीज की संतुष्टि पर ध्यान नहीं देते हैं। सर्जरी के हालात तो बेहद खराब हैं। मरीजों की देखभाल भी ठीक ढंग से नहीं की जाती है। तीमारदारों को फटकारा जाता है। अगर ज्यादा पूछताछ की जाती है तो इलाज भी सही ढंग से नहीं मिलता है।


सोनू सिंह ब्यूरो चीफ आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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