कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
कानपुर। शहर कानपुर का शिक्षित इलाका इन्द्रानगर जहाँ रहने वाला नागरिक जागरूक है जो अपने हक की लडाई लड़ना जानता है। यही कारण है कि बीते दश बरसों से सत्तर के दशक का यह इलाका अब रात के अन्धेरे की नीरवता को भेदता हुआ विदेशी न्यूयार्क जैसा जगमगाने लगता है। मगर प्रधान मन्त्री जी की उर्जा बचत योजना को पलीता लग रहा है। कारण इन लाइनो को संचालित करने वाले स्विचों के अभाव मे दिन रात एलइडी अनवरत जलती ही रहती है। समझने वाली बात यह है। कि कानपुर नगर निगम के मुख्य अभियन्ता ने बताया कि कानपुर शहर के पच्चीस प्रतिशत पोलो पर स्वीच ही नही अब शासन ढाई करोड़ रूपया मुहय्या करादे तो इस स्वीच सबम्धी भीषण समस्या से नीजात मिले । समझने वाली बात यह है कि कार्य योजना का सर्वे हुआ होगा बाद शासन को स्टिमेट भेजा गया होगा।सवाल यहाँ यह उठता है क्या भेजे गए आंगण मे स्वीच कि जिक्र नही किया गया था क्या अगर नही तो इस चूक को माइनर मिस्टेक मानकर नही छोडा जा सकता है।अधिकारियो के ढुल मुल नीति के चलते कितना नुक्सान हो रहा है। इस सम्बन्ध मे समाज सेवी संस्था आनन्द मंगल क्लब से ज्ञान प्रकाश अग्रवाल कहते है कि नगर निगम के मुख्य अभियन्ता ने कहा है कि शासन से धन मिलते ही काम हो जाएगा सवाल यह उठता है क्या तब तक स्ट्रीट लाइट यूही दिन रात जलती रहेगी ? भ्रष्ट प्रशासन से अपना हक लेने के लिये पिछले 10 सालों से निरन्तर संघर्षरत आनन्द मंगल क्लब के महामंत्री ज्ञान प्रकाश अग्रवाल जी का कहना है अक्रॉस टाइम्स के प्रकाशन के प्रभाव से इन्दिरानगर से तो जगमगाने लगा है, पर स्विच लाइन व स्विच न होने से 50 प्रतिशत लाइट 24 घन्टे जलती हैं जो मोदी जी की ऊर्जा बचत स्कीम को ठेंगा दिखा रहीं हैं। महामंत्री जी की नगर निगम मार्ग प्रकाश के मुख्य अभियंता से बातचीत पर मुख्य अभियन्ता जी ने बताया कि कानपुर में लगभग 25 प्रतिशत पोलों में स्विच लाइन नहीं हैं जिसके लिये जल्द ही शासन से 2.5 करोड रूपये आ रहे हैं। नगर निगम की ढुलमुल नीति के रहते मोदी जी की ऊर्जा बचत योजना के सफल होने मे संशय है।
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Saturday, April 7, 2018
जहाँ अन्धेरा होता था,उन्ही सडको पर उजाला है
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