Translate

Thursday, April 26, 2018

महीनों से टूटा पडा शिलालेख सासंद देवेन्द्र सिंह बोले लिखवाता हूँ

कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
कानपुर  । नगर निगम के अधिकारियो खास तौर पर तकनिकी सेवा या उच्च पदस्थ बैठे उन अधिकारियों को  उनके द्वारा कार्य मे लापरवाही बरतने पर  जनता द्वारा की गयी टिप्पणी पर लगातार मीडिया द्वारा प्रकाश मे लाया जाना बुरा लग रहा है। पर समझने वाली बात यह है कि बुरा मानने वाले कतिपय लोगो की चेतना फिर भी सो रही है । वरना सन् 2002,3 मे लगाया गया महामहीम याने वर्तमान मे देश के राष्ट्राध्यच्छ महामहीम रामनाथ कोविन्द द्वारा इन्दरानगर की एक सड़क के लोकार्पण पर लगाया गया शिलालेख सुधार दिया गया होता। बच्चे का खिलौना टूट जाता है तो उसे ले आया जाता है ? समझने वाली बात यह है कि महामहीम के नाम का सम्मान है फिर यह शिलालेख तो लोकार्पित कार्य को भी दर्शाता है । गर इन्द्रानगर के पंकज अग्नीहोत्री ज्ञानप्रकाश अग्रवाल की माने तो इसे क्षेत्र का दुर्भाग्य ही कहेगे मीडिया द्वारा मुद्दे को उजागर किये जाने के बावजूद सम्बन्धित अधिकारी अपना अपमान मान रहे है। किसी भी मुद्दे को कार्यदाई विभाग पर टालना टेलर द्वारा सिलाए गये कपडो को काफी स्तेमाल के बाद दोश निकालने जैसा है।देखते है कब इनकी चेतना जागती है। बताते चले आज विशेष तौर पर मार्निग वाकरो से मिलने आए भाजपा सांसद देवेन्द्र सिंह "भोले" ने जनता दावा शिलालेख की उठा गयी समस्या को गम्भीरता से लिया और नगर निगम से सुधारवाए जाने का आश्वासन दिया। चलिये देखते है हाला कि क्षेत्रीय विधायक ने भी आश्वासन ही दिया था जो काफी सरल है।

No comments: