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Thursday, April 5, 2018

आरक्षण जातिगत न कर गरीब असहाय को लाभ मिलना चाहिये : ब्रजान्द अवधूत

कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
कानपुर राष्ट्रीय संत समाज के निर्देशक ब्रजानन्द अवधूत मायूसी भरे अन्दाज में कहा कि हम वय से व्रद्ध हो गए कोई पूंछने वाला नही पर हम समाज की सेवा मे लगे रहते है।उन्होने आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि जातिगत आधार से उपर उठकर उन लोगो को इस का लाभ दिया जाना चाहिये जो परिवार पात्र है।अब उनमे अपर क्लास के लोग भी हो सकते भारत देश किसी एक का नही अपितु हर जाति समाज का है । सबसे पहले हम भारतीय बने बाद सूचित अनुसूचित है।गाँधी जी ने छुआ छूत मिटाने की बात कही थी न कि वर्ण मे लाभ दिए जाने की। लाभ उसे ही दिया जाना चाहिये जो वास्तव मे उच्चतम न्यायालय ने जो निर्णय लिया वह न्यायिक है किसी को एतराज भी नही करना चाहिए सजा उसे ही मिलनी चाहिए जिसने वैसा अपराध किया हो। अक्सर देखने मे आया कि रंजिशन फंसा दिया जाता है बाद मे पता चालता है कि ब्यक्ति बेगुनाह जेल मे सजा काट रहा होता है। समाज मे अपराध मे होने वाली व्रद्धि के पीछे एक कारण यह भी है आरक्षण को लेकर हमने प्रधान सेवक जी को एक पत्र भी भेजा है।हालाकि उनके नेत्रित्व मे सब ठीक चल रहा है।देश वासियो को चाहि उनका नेत्रित्व देश की सत्ता मे कायम रहे ऐसे कदम उठाए।क्यूकि सुधार कोई एक दिन मे नही होता है उसमे समय लगेगा पर हमारा विश्वास है समय रहते पूर्ण सुधार हो जाएगा पहले के काल मे राजाओ के कुल गुरू सद मार्ग दिखाते थे तब राजा राज्य का अच्छा संचालन करता था। मोदी जी तो स्वयं वैरागी है।उ प्र के योगी भी संत है रही गलतियाँ तो किसी से भी हो सकती है फि हाल शासन को चाहिये कि वह उच्चतम न्यायालय के न्यायिक प्रक्रिया पर अमल करने का प्रयास करे।

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