रायबरेली।। जनपद में जलभराव हो जाने की सम्भावना हो जाती है जिससे मच्छर के प्रजनन क्षेत्र में वृद्धि हो जाती है तथा मच्छरों से फैलने वाले रोग जैसे मलेरिया,डेंगू,फाइलेरिया व दिमागी बुखार आदि का प्रकोप बढ़ जाता है। मच्छरो के प्रजनन को रोकने तथा बीमारियों के रोकथाम के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेशों के क्रम में जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय के निरीक्षकों व टीम वर्करों की एक टीम गठित की गयी है उक्त टीम विगत मई माह से नालियों में लार्वा रोधी रसायन का छिड़काव नियमित कार्यक्रम के अनुसार कर रही है। टीम द्वारा नगर पालिका की नालियों की सफाई के कार्यक्रम से समन्वय स्थापित कर छिड़काव स्थापित किया जाता है। इसके अतिरिक्त टीम जनपद के विभिन्न कार्यालयों, संस्थाओं, विद्यालयों एवं घरों आदि का मच्छर जनक परिस्थितियों का परीक्षण कर रही है। अब तक टीम द्वारा 2088 घरों/संस्थाओं में लार्वा ब्रीडिंग हेतु जांच की गयी जिनमें 8464 पात्रों को देखा गया। अब तक 61 लोगों के विरूद्ध नोटिस जारी की गयी। कुछ प्रमुख स्थल जिनमें नोटिस दी गयी जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी आवास पर व अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के आवास, पुलिस अधीक्षक परिसर के आवास, क्षेत्रीय ग्राम विकास संस्थान के परिसर व पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परिषद के आवास एवं पशु चिकित्सालय परिसर के आवास, कृष्णा होटल व सदर कोतवाली तथा परिसर के आवास आदि है। सरकारी गजट उत्तर प्रदेश विधि परिशिष्ट नवम्बर 2016 के अनुसार उ0प्र0 के समस्त जनपद मच्छर जनित रोगों हेतु संक्रमित व संकट वाले क्षेत्र माने गये है। उक्त नोटिफिकेशन द्वारा मच्छर जनित परिस्थिति पैदा करने वाले उत्तरदायी व्यक्ति/संस्थान को आई0पी0सी0 की धारा 188 के अधीन नियंत्रण अधिकारी को दण्डित करने के अधिकार दिये गये है। जिस व्यक्ति के विरूद्ध नोटिस जारी किया गया है उसको 24 घण्टे के अन्दर मच्छर जनक परिस्थितियों को समाप्त करना होगा यदि उत्तरदायी व्यक्ति पुनः निरीक्षण में ऐसा नही पाया गया तो उसे अर्थदण्ड अथवा जेल जाने का प्राविधान है।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
No comments:
Post a Comment