डलमऊ, रायबरेली।। महिलायें हाथ में हंसिया और फावड़ा लेकर काम करती दिखीं तो लगा मनरेगा का अमल ठीक से हो रहा है, नजदीक से बात करने पर हकीकत पता चलती है कि डलमऊ विकासखंड क्षेत्र के सुरसना गांव में जो महिलाओं ने मनरेगा के तहत काम किया है उन महिलाओं को एक साल बीतने वाला है लेकिन मजदूरी अभी भी नही मिली है। गांव की नीतू देवी पत्नी छोटेलाल कहती है कि 1 साल बीत गए हैं लेकिन खाते में अभी तक मनरेगा में की गई मजदूरी का पैसा अभी नहीं आया है। वहीं गांव की दूसरी महिला श्रीदेवी आरोप लगाती हैं कि मनरेगा के तहत तालाब में हम लोगों ने काम किया था परंतु तुरंत पैसा नहीं मिलता है जो काम हम लोगों ने किया था 1 साल से ज्यादा हो गया अभी तक खाते में पैसा नहीं आया है। मनरेगा में कम से कम 100 दिन के काम की गारंटी है, लेकिन ना काम है, ना गारंटी के कोई मायने है। इस संबंध में ग्राम विकास अधिकारी बृजेश कुमार का कहना है कि गांव के लाभार्थी एक नाम से कई खाते खुलवाए हुए हैं जिसकी वजह से लाभार्थी को परेसानी हो रही है।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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