कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
कानपुर। भक्ती का मतलब माला फेरना नही ईश्वर अनन्त है उन्हे अपनी आस्था के साथ जिस रूप मे भजोगे फिर राम नाम लेखन तो अनन्त पुण्यदायी है शास्त्रकार कहते है वाल्मीकी उलटा नाम जप ब्रह्म रिषी बन गये। आज बिठूर के किला आबादी स्थित दत्तात्रेय मन्दिर प्रागण मे सदगुरू पुरूषोत्तम दास जेरे महाराज के संजीवन समाधी आश्रम मे उनके अनुयायी भक्तो ने पहले राम नाम भजन किया बाद लम्बे समय से राम नाम लेखन के संकलन को अपने मस्तक पर उठा लक्ष्मण घाट निकट बालू मे भू विसर्ज कर दिया।इस मौके प्रमुख रूप से रामबाबू शुक्ला मौजूद थे।
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Tuesday, April 10, 2018
राम नाम लेखन को किया भू विसर्जन
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