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Saturday, May 12, 2018

शिल्ट न उठना बीमारी को दावत, नगर निगम की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह

कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
कानपुर। आप कहेगे कि कानपुर नगर निगम के विरूद्ध आखीर समाचार की हेडलाइन क्यो रहती है। तो विश्व के अनगिनत शहरो मे अपने कानपुर का नाम प्रमुखता से प्रकाशन मे आया उसे अनदेखा तो किया नही जा सकता आपही सोचे क्या वह प्रकाशन विभागीय अकर्मण्यता को नही दर्शाता जो  हाल ही में एक सर्वे में कानपुर को सबसे गन्दा शहर बताया गया। बाद भी न नगर निगम की कार्यशैली में  कोई परिवर्तन आया है। न ही प्रधानमंत्री मोदी जी के स्वच्छ भारत मिशन पर और न ही कानपुर में रह रहे निवासियों की मानसिकता में। जी हां मामला इन्दिरानगर के मुखर्जी बिहार के निकट सूर्यांश हास्पिटल के पास नगर निगम के ठेकेदार द्वारा एक नाले से निकाली जा रही शिल्ट का है। महीनो से शिल्ट निकाल कर घरों के बाहर ढेर लगा दिया गया है। जो भीषण गर्मी में महामारी को न्योता दे रहा है।न नगर निगम, न ठेकेदार न ही छेत्रीय निवासियों को चिंता है। जिला प्रशासन से पुरस्कृत आन्नद मंगल क्लब ने विषय की गम्भीरता को देखते हुये नगर निगम से तत्काल कार्रवाई कराने का निवेदन किया है। आनन्द मंगल क्लब के महामंत्री मुन्ना अग्रवाल क मुताबिक मकडीखेडा रोड 16 करोड रूपये से सपा सरकार  के शासन काल में निर्मित हुयी थी। जहां तमाम मोर्निंग वाकर स्वास्थ्य लाभ के लिये आते जाते हैं। अलावा हास्पिटल में लोग इलाज के लिये भी जाते हैं। समझने वाली बात यह भी है कि सम्बन्धित

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