बिलारी। बहोरनपुर नरौली स्थित प्रेम शांति हायर सेकेंडरी स्कूल में सामान्य ज्ञान वादन में उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल सरोजिनी नायडू के विषय में छात्रों को बताया कि वह एक कुशाग्र बुद्धि और कुशल राजनेता थी। हमारा देश प्रतिभाओं का धनी रहा है। महिलाएं भी किसी से कम नहीं रही है ।उन्हीं में थी एक डॉक्टर सरोजनी नायडू। गुरुवार को सामान्य ज्ञान वादन में प्रधानाचार्य विजय पाल सिंह राघव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के प्रथम राज्यपाल सरोजिनी नायडू एक कुशाग्र बुद्धि और कुशल राजनेता थी। 13 फरवरी 1879 को आंध्र प्रदेश के हैदराबाद नगर में इनका जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय एक विद्वान तथा इनकी मां कवित्री थी। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि होने के कारण 12 वर्ष की अल्पायु में ही कक्षा 12वीं की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की और 13 वर्ष की आयु में लेडी ऑफ द लेक नामक कविता की रचना कर अपनी विद्वत्ता प्रकट की। बताया कि सरोजिनी नायडू लंदन के किंग्स कॉलेज में अध्ययन किया 1895 में उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गई और अनेकों कविताएं लिखी। इंग्लैंड में पहली बार गांधी जी से मिलकर उनके विचारों से प्रभावित होकर देश सेवा के लिए समर्पित हो गई। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उत्तर प्रदेश की पहली राज्यपाल बनी ।देश की सेवा करते हुए 2 मार्च 1949 को उनका देहांत इलाहाबाद में हुआ। भारत सरकार ने 1964 मैं उनके सम्मान में 15 पैसे का एक डाक टिकट भी जारी किया। इस दौरान मुख्य रूप से शंकरलाल आबिद हुसैन आदित्य राघव अजीत कुमार वीरेश सागर इकबाल हुसैन रिजवान हुसैन कार्तिक नाजिम हुसैन शुभम कुमार अजय सागर कुमारी रचना कश्यप ज्योतिष ना रजनी कुमारी आरती कुसुम लता सीता कश्यप राखी गोस्वामी खुशबू गोस्वामी हंस मुखी कुमारी वंदना सहित अन्य छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
राघवेंद्र सक्सेना बीनू ब्यूरो चीफ मुरादाबाद
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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