महराजगंज,रायबरेली।। अयोध्या में राम मंदिर विवाद के बाद अब रायबरेली में भी मुगलकालीन बना जीर्ण-छीर्ण हो चला शिव मंदिर को जीर्णोद्धार कराने वाली नवगठित कमेटी और पुरानी कमेटी जो मंदिर की 3 बीघे जमीन से धन अर्जित कर अपना खर्चा चला रहे है के बीच विवाद का मामला प्रकाश में आया है। जिसको लेकर नवगठित कमेटी के सदस्यों ने कई बार विवाद को सुलझाने के लिए उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई है बावजूद उच्चाधिकारी इस मामले पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आपको बता दें कि, मामला महराजगंज क्षेत्र के राई मऊ गांव मजरे ओई का है। जहां गांव के बीचो-बीच लगभग 300 वर्ष पुराना मुगलकालीन शिव मंदिर बना है जो जर्जर हो चला है। इस मंदिर के संस्थापक पूरन अवस्थी ने इसे मुगलकालीन समय में बनवाया था। मंदिर के साथ साथ इसके चारों तरफ लगभग 4 फीट ऊंचे चबूतरे इसी के बगल में एक बारादरी (जो नष्ट कर मकान की इमारत खड़ी कर ली गई) और मंदिर के ठीक पूर्व दिशा में चबूतरे से सटा हुआ एक कुआं बनवाया था। जो अब अपनी बदहाल दुर्दशा पर आंसू बहा रहा हैं। ग्रामीणों के मुताबिक मंदिर और कुआं के जीर्ण-क्षीर्ण तथा बारादरी के नष्ट करने में धर्मेंद्र पुत्र लोधेश्वर, रमेश पुत्र प्रभु दयाल (जो पुराने पुजारी के बेटे हैं) का पूर्ण योगदान है। इन लोगों ने शिव मंदिर समेत पूरे परिसर में अपना स्वामित्व कायम कर रखा है तथा मंदिर के चारों तरफ बने चबूतरे से सटाकर अपने मकान की दीवार खड़ी कर मंदिर का अस्तित्व समाप्त करने पर तुले हुए हैं। नवगठित कमेटी के सदस्यों द्वारा मना करने पर अमादा फौजदारी पर उतर आते हैं और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि, धर्मेंद्र पुत्र लोधेश्वर, रमेश पुत्र प्रभु दयाल दबंग किस्म के व्यक्ति हैं। ग्रामीणों तथा नवगठित मंदिर कमेटी के सदस्यों को डरा धमका कर मुगलकालीन बनवाई गई बारादरी को नष्ट करके अपना मकान बना लिया है, और खुद का स्वामित्व बताते हुए मंदिर में अन्य जाति के लोगों को पूजा पाठ करने के लिए भी मना करते हैं।
मुगलकालीन शिव मंदिर को धराशाही कर संपत्ति को हड़पना चाहते हैं
नवगठित कमेटी के सदस्य मनोज मिश्रा एडवोकेट बताते हैं कि, मंदिर के सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार के लिए "शिव जी मंदिर विराजमान राई मऊ जन जागरण समिति" के नाम से ट्रस्ट संचालित है। इस ट्रस्ट को बनाने का मूल उद्देश्य मंदिर की संपत्ति और मंदिर पर अपना स्वामित्व बताने वाले लोगों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देना है। मुगलकालीन समय में बनवाया गया यह मंदिर हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर में 3 बीघे जमीन है वह पूर्व पुजारी के बेटे रमेश ने अपने तीन सगे भाइयों के साथ एक एक बीघे बांटकर अपना खर्चा चला रहे हैं और मंदिर को नष्ट कर संपत्ति को हड़प लेना चाहते हैं। ग्रामीणों समेत शिवजी मंदिर विराजमान राई मऊ जन जागरण समिति के सदस्यों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि, मंदिर सहित संपूर्ण संपत्ति को स्वामित्व का दावा ठोक रहे व्यक्तियों से मुक्त करा कर मंदिर के जीर्णोद्धार में समिति का सहयोग करें, ताकि हिंदू आस्था को कायम रखा जा सके।
मामले में तहसीलदार विनोद कुमार सिंह का कहना है कि, ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं है। यदि शिकायती पत्र मिलता है तो जांच कर अतिक्रमणकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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