छतोह, रायबरेली ।। आखिर साधारण जनता को परेशान करना दबंग प्रधान को भारी पड़ ही गया। आपको बता दे कि बात है छतोह ब्लाक के गाँव डीघा की। यहाँ के प्रधान अमर नाथ सरोज ने तालाब की भूमि पर घर बना लिया और रहना शुरु कर दिया। खेती लायक लगभग 20 बीघे सरकारी जमीन पात्र लोगों को आबंटित करने के बजाय परिवार के अन्य लोगों सहित कब्जा कर लिया और खेती कर रहे हैं। दबंगई इतनी कि नक़्शे के विपरीत चकरोड बनवा डाला और विरोध करने वाले लोगों को परेशान करने की हद पार कर दी। रास्ता बनवाने के नाम पर घरों के सामने बने चबूतरे कटवा डाले।थक हार कर गाँव वालों ने अधिकारियों से शिकायत की किन्तु कुछ समय तक टाला गया। विभिन्न समाचार पत्रों में उछाले जाने और जिलाधिकारी के संज्ञान में जाने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। सलोन के उपजिलाधिकारी आशीष कुमार सिंह भारी लावलश्कर के साथ मौक़े पर पहुंचे। उनके साथ नायब तहसीलदार , कानूनगो , अन्य सर्किल के पाँच लेखपाल और थाना नसीराबाद का पुलिस बल मौजूद था। मौक़े की जाँच और पैमाइश करने पर ग्रामीणों की शिकायत सही मिली। उपजिलाधिकारी ने काटे गए चबूतरों की मिट्टी भरवाने का आदेश देने के अलावा ग़ैर क़ानूनी ढंग से की गई खेती की फसल को ग्राम पंचायत के सदस्य मो.शरीफ़ के सुपुर्द कर दिया जिसे पकने के बाद नीलाम किया जायेगा और प्राप्त धन सरकारी खाते में जमा कराया जाएगा। उन्होंने प्रधान अमरनाथ सरोज को तालाब के रूप में दर्ज जमीन में बने मकान को एक माह की अवधि में ख़ाली करने का सख्त आदेश दिया और कहा कि समय सीमा बीत जाने पर उसे बुलडोजर से गिरवा देंगे। इस कार्रवाई से जहाँ शिकायत करने वाले लोग ख़ुश दिखे वहीँ प्रधान ख़ेमे में दुःख औऱ ग़ुस्सा देखने को मिला।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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