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Thursday, February 20, 2020

अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया सालाना उर्स


डलमऊ, रायबरेली।। डलमऊ एक ऐतिहासिक नगरी के साथ साथ सूफी संतों की नगरी भी है किसी समय ये जगह सूफी तालीम का मरकज़ भी था इन्ही सूफियों में डलमऊ के पावर हाउस में मौजूद दरगाह हज़रत सय्यद बाबा की दरगाह है। आप 15वी सदी के सूफी संत है आपने डलमऊ में दीनी तालीम के साथ साथ शर्की हुकूमत के दरबार मे भी खिदमत अंजाम दी आपने उस जमाने में डलमऊ के हर मज़हब के लोगों को बराबर से अपने गले से लगाया और लोगों की परेशानियां दूर की थी लोग दूर दूर से आपके पास फ़ैज़याब होने आते थे उस वक़्त जहां आज पावर हाउस है उस इलाके को चिरयन टोला कहा जाता था। आपका घर वही था और आज आस्ताना भी वही है इतना वक़्त गुज़रने के बाद भी आपके फ़ैज़ की गंगा आपके आस्ताने से जारी है और बड़ी तादात में हिंदू मुसलमान आपके चौखट पे हाज़री देने आते हैं। बाबा तेरे करम से जमाने मे बात है बंदे को नाज है कि तू बंदा नवाज है ऐसी ही कुछ अकीदत और एहतेराम के साथ  बृहस्पतिवार को डलमऊ कस्बे के चौहट्टा मोहल्ले में स्थित बाबा की दरगाह पर हर साल की तरह इस साल भी बड़े अकीदत के साथ दुरुद फतिहा की मजलिस कि गइ। फातिहा के दौरान मुतवल्ली वली खान ने बताया कि बाबा की दरगाह पर आने वाले हर जायरीन की मुराद पूरी होती है। मुतवल्ली ने यह भी कहा कि सबसे बड़ी बात तो यह है कि अगर कोई व्यक्ति परेशान है और किसी काम से  परेशान रहता है तो वह व्यक्ति अगर लगातार सात बृहस्पतिवार को दरगाह की जियारत करता है तो उसकी मुराद सौ प्रतिशत पूरी होती है। इस मौके पर सभासद परवेज खान,फिरोज आलम, इलतिफाज हुसैन, सोहराब अली, राजू खान, रईस सलमानी, अब्दुल्लाह कुरेशी, मोहम्मद गयास, मोहम्मद झूरी, अंसार हुसैन, मौलाना शकील, हाफिज दाऊद व निसार अली सहित आदि लोग मौजूद रहे।

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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