कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। शिक्षा विभाग के अधिकारीयो को क्या उस होने वाले हादसे का इन्तजार है।जब जर्जर विद्यालय की इमारत ढह जाए और उसके मलवे के नीचे दब कर वे चन्दन बच्चे जो कल समाज व देश के बनने वाले कर्णधार हो सकते है।कुछ नही तो अपने मा बाप के आख के तारे तो है। बताया जाता है इस विद्यालय मे ये पढने वाले बच्चे आस पास के परवा से भी पढने आते है। प्रधानाध्यापक श्री मती रफत अफरोज से जब पूछा गया तो उन्होने शिकायतों अन्दाज़ मे कहा भईय्या मै ही क्या मेरे से पहले रह चुके शिक्षकों ने शिक्षा धिकारियों से भवन के मरम्मत के लिए गुहार लगाई ।पर भाई साहब नक्कार खाने मे तांती की आवाज सुनता ही कौन है। ये दुर्गति सन् 2010 से है कभी भी भरभरा कर गिर सकती है। बजट के बारे मे पूछने पर मैडम ने कहा बजट की तो बाबू अच्छी तरह बता सकते है।मेरी संग्यान मे शासन को भेजा जरूर गया होगा बाकी ग्राम प्रधान अच्छा बता सकते है। मौके पर पहुचे ग्राम प्रधान सुरेश निशाद ने कहा कहा तो गया था बेशक शिक्षाअधिकारी से बस यह कह टाल दिया हो जाएगा । उन्होने कहा हर माह ग्राम शिक्षा समिति की हो चुकी बैठकों मे प्रस्ताव भी लिखा दिया जाता रहा है। ग्राम प्रधान ने आलोचनात्मक अन्दाज़ मे कहा यदि कोई भी महादशा होता है तो अधिकारी पूर्णरूप से दोषी होगे। बताते चले गर कोई महादशा हो गया तो भरपाई कौन करेगा।
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Monday, August 6, 2018
भारतपुरवा प्राथमिक विद्यालय की इमारत के साथ बच्चे खतरे मे
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