आगरा ।। योगी सरकार को ईमानदार बताया जाता है लेकिन सरकार में काम करने वाले अधिकारियों के ऊपर हर रोज रिश्वत लेने के आरोप लगते आ रहे हैं। वैसे तो पुलिस विभाग इस मामले में सबसे एक नंबर पर आता है। लेकिन शिक्षा विभाग भी इससे अछूता नहीं है।तहसील एत्मादपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत जमाल नगर भैंस में प्राथमिक विद्यालय की एक अध्यापिका ने शिक्षा अधिकारियों पर ₹300000 लेकर ट्रांसफर करने का गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षिका स्कूल में कभी कबार आती है। और हस्ताक्षर कर चली जाती है । 8: 8 दिन गुजर जाते हैं लेकिन स्कूल का मुंह तक नहीं देखती। घर बैठे ही तनख्वाह हजम करती रहती है। जब शिक्षिका से फोन पर बात की गई तो उसने अपना दुखड़ा रोते हुए कह दिया कि अगर किसी ने कुछ मेरे बारे में निकाला या अधिकारियों ने कुछ कहा तो मैं उन पर छेड़खानी का आरोप लगाकर जेल भिजवा दूंगी। शिक्षिका यहां तक नहीं रुकी गंभीर आरोप लगाते हुए शिक्षिका ने शिक्षा विभाग को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। शिक्षिका का आरोप है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी 300000 रुपये लेकर एक स्कूल से दूसरे स्कूल में तबादला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास इतना रुपया नहीं है जो मैं तबादला करा लूं । आखिरकार रिश्वतखोरी का यह धंधा कब तक चलेगा योगी जी वैसे तो आप कहते हैं कि हमारी सरकार में रिश्वत न ली जाती है न दी जाती है अगर रिश्वत नहीं चलती तो यह अध्यापिका क्यों आरोप लगा रही है कि ₹300000 में मनचाहे स्कूल में तैनाती मिलती है। बीआईपी स्कूलों की लिस्ट अधिकारियों के पास होती है। वह पैसा देने के बाद ही उसी स्कूल में अध्यापक अध्यापिकाओं को तैनाती दी जाती है।
आगरा से राकेश यादव की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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Saturday, May 12, 2018
3 लाख लेकर मिलता है स्कूल । एक शिक्षिका का आरोप । किसी ने कुछ कहा तो लगा दूंगी छेड़खानी का आरोप
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