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Thursday, November 9, 2017

शासन के आदेश को ठेगा दिखा रहा है पटेल जूनियर हाई स्कूल विद्यालय


जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
रायबरेली । शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रदेश सरकार चाहे लाख कोशिश कर ले लेकिन शासन के मंसूबों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। शिक्षा विभाग की सांठ गांठ से शिक्षा माफिया अपना जुगाड़ निकाल ही लेते है। उसके लिए उन्हें चाहे जिसकी परिक्रमा करनी पड़े। एक ओर केन्द्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिल कर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में लगी हुई है तो दूसरी ओर शिक्षा विभाग शासन के मंसूबे पर पानी फेर रहा है। उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सरकार नित नये नये नियम बना रही है। लेकिन इस सब नियमों के विपरीत शिक्षा विभाग की सांठ गांठ करके बिचैलिये किसी तरह बीच का रास्ता निकाल लेते है। रायबरेली से गुरूबक्शगंज रोड़ पर स्थित पटेल जूनियर हाई स्कूल सरांय मुबारक इसका जीता जागता उदाहरण है। यह विद्यालय शासन के सभी कानूनों को धता बताते हुए हाई स्कूल तक संचालित किया जा रहा है। यह विद्यालय रोड़ के किनारे स्थित है इस विद्यालय की मान्यता कक्षा 8 तक बतायी गई है लेकिन यह विद्यालय वर्तमान समय में 10 वी तक संचालित किया जा रहा है। जब विद्यालय के मान्यता के बारे में प्रबन्धक बृजेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विद्यालय की मान्यता कक्षा 8 तक है लेकिन विद्यालय कक्षा 10 तक चला रहा हूॅ, 10वी के बच्चो का कोर्स पूरा करा दिया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी चेक करने आते रहते है उन्होनंे बताया कि तुम्हारी मान्यता कक्षा 8 तक है, ऐसा करो कि तुम 9, 10 के बच्चों को कोचिंग के रूप में पढ़ाया करो, लेकिन स्कूल के समय में मत पढ़ाया करो या तो स्कूल के समय से पहले या फिर स्कूल के समय के बाद पढ़ाया करो। वहीं जब स्कूली बच्चांे से इस बारे में बात की गई तो उन्होनंे कहा कि हाई स्कूल के बच्चों की कक्षायें यहीं पास में इसी विद्यालय पटेल जूनियर हाई स्कूल की एक और षाखा है वहाॅ पढ़ाया जाता है। विद्यालय प्रबन्धक ने दूसरी शाखा की जानकारी पहले नहीं दी। आस पास के लोगों ने बताया कि प्रबन्धक ब्रजेश कुमार शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सेटिंग गेटिंग करके विद्यालय संचालित कर रहे है। वहीं यह विद्यालय मानक के विपरीत परिथतियों में चलता हुआ पाया गया। इस विद्यालय में न तो बच्चों के लिए शौचालय बना हुआ है और न ही स्कूल की बाउन्ड्री बनी हुई है और न हीं बच्चों को स्वच्छ पेयजल की कोई व्यवस्था विद्यालय की तरफ से की गई है। विद्यालय के बच्चे खुले में शौच के लिए जाते है। जिससे बच्चों के लिए खतरा हमेशा बना ही रहता है। विद्यालय के अभिभावकों का इस बारे में कहना है कि इस विद्यालय के बारे में अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई लेकिन मिली भगत होने के कारण विद्यालय प्रबन्धक के ऊॅपर कोई कार्यवाही नहीं होती है। इस विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों से जब पूछा गया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम है बच्चे खुले में शौच जाते है और खुले में विद्यालय चल रहा है तो किसी भी अध्यापक द्वारा कोई जबाब नहीं दिया जा सका। शिक्षा विभाग मे बैठे जिम्मेदार अधिकारी विद्यालय प्रबन्धक से सेटिंग गेटिंग करके नौनिहालों की जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहे है। विद्यालय में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के अभिभावकों ने ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग जिलाधिकारी से की है। जो शिक्षा के मन्दिर को व्यापार बना कर शिक्षा को शर्मसार कर रहे है।

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