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Thursday, November 9, 2017

दवा-इलाज के नाम पर कर रहे हैं मनमानी वसूली

रायबरेली । जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और स्वास्थय विभाग की लापरवाही से झोला छाप डॉक्टरों की भरमार हो गई है, जो बंगाल के फर्जी और अजीबो गरीब डिग्री के नाम पर मेडिकल स्टोर से कम कीमत की दवाई ले जाकर ग्रामीणों का इलाज कर मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि इन डॉक्टरों के पास ना तो दवा बेचने का अधिकार है और ना ही इनके पास इलाज करने की डिग्री, पर इसके बाद भी वे मरीजो की जान  से खिलवाड करते हुए उनका इलाज कर लूट मचा रहे हैं। जनपद के डलमऊ थाना क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का कहर इस तरह जारी है कि वहां पर झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा गरीब जनता को सरेआम लूटा जा रहा है। वही ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन झोलाछाप डॉक्टरों से अनजान है। जागरूक ग्रामीणों की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों को चिन्हित कर लेते हैं जिनके खिलाफ शिकायत की जाती है। फिर ये अधिकारी इन झोला छाप डाक्टरों से महीने की वसूली करते हैं जिस कारण यह छोला छाप डॉक्टर खुलेआम अपनी दुकान सजाकर जनता का खून चूसते हैं। डलमऊ के घोरवारा; मुराई का बाग दुर्गागंज; पड़रिया आदि आस-पास के इलाको में कई ऐसे झोला छाप डॉक्टर अपना क्लिनिक संचालित किये हुए हैं, जो सस्ती दवाओं से मरीजो का इलाज कर उनसे मुंह मांगी कीमत वसूल रहे हैं।वही जगतपुर थाना क्षेत्र के जगतपुर; जिंगना; बाबा का पुरवा बाबूगंज; ऊंचाहार क्षेत्र में जमुनापुर चौराहा मतीनगंज आदि क्षेत्रो में झोला छाप डॉक्टरो द्वारा गरीब मरीजो का शोषण करते हुए उनसे दवा व इलाज के बदले मुंह मांगी कीमत वसूली जा रही है।

इनके इलाज का तरीका भी नायाब

ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय चिकित्सा सुविधा का लाभ ग्रामीणो को ना मिलने के कारण गारीब ग्रामीण आंख मींचकर इन झोला छाप डॉक्टरों से अपना इलाज कराते हुए मेहनत की कमाई गवां रहे हैं। बताया जाता है कि इस डॉक्टर द्वारा मरीज का अनोखी पद्धति से इलाज किया जाता है। सूत्रो की माने तो इस झोलाछाप डॉक्टर द्वारा शरीर के दर्द से पीडित मरीजो को दर्द वाली जगह में इंजेक्शन लगाकर उसके दर्द को दूर करने का दावा किया जाता है। बताया जाता है कि इसके इस पद्धति से इलाज करने के बाद कई मरीज परलोक जाते-जाते भी बच चुके हैं, वहीं कुछ मरीजों की इंजेक्शन लगाई हुई जगह हमेशा के लिए सुन्न हो गई है। इसके बाद भी जिले का स्वास्थ्य महकमा इस मामले में उदासीन बना हुआ है।

जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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