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Tuesday, February 16, 2021

नाबालिक छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले में प्रिंसिपल को फांसी, शिक्षक को आजीवन कारावास

पटना (पी एम ए)।स्कूल में ही 11 वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सोमवार को पटना सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पॉक्सो जज अवधेश कुमार ने दोनों आरोपितों, प्रिंसिपल अरविंद कुमार को फांसी और शिक्षक अभिषेक कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। महिला थाने में करीब ढाई साल पहले दर्ज मामले में अदालत ने फुलवारीशरीफ के रहने वाले प्रिंसिपल पर एक लाख रुपये एवं शिक्षक पर 50 हजार रुपये आॢथक जुर्माना भी लगाया है। फैसले के बाद पीडि़ता की मां ने कहा कि न्यायालय ने सुकून देने वाला फैसला सुनाया है। ढाई साल से पूरा परिवार घुट-घुटकर जीने को विवश था। दोषियों ने शिक्षक-विद्यार्थी के रिश्ते को कलंकित किया है। 

* कॉपी चेक करने के बहाने होता था घिनौना काम

इस मामले में 19 सिंतबर 2018 को महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोपित अरविंद कुमार फुलवारीशरीफ स्थित न्यू सेंट्रल पब्लिक स्कूल का प्रिंसिपल और अभिषेक कुमार शिक्षक था। विशेष लोक अभियोजक सुरेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि शिक्षक अभिषेक कुमार स्कूल में कॉपी चेक करने के बहाने छात्रा को प्रिंसिपल अरविंद कुमार के पास भेजता था। इस दौरान प्रिंसिपल कमरे में उसके कम नंबर आने पर फेल करने की धमकी देकर घिनौना कृत्य करता था। इसमें अभिषेक भी उसका साथ देता था। पटना के फुलवारीशरीफ के रहने वाले दोनों आरोपितों के खिलाफ महिला थाने में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था। 

* अदालत के आदेश पर कराया गया था डीएनए टेस्ट

दुष्कर्म के बाद नाबालिग छात्रा गर्भवती हो गई थी। अदालत के आदेश के बाद गर्भपात कराया गया। आरोप साबित करने को कोर्ट के आदेश से जेल में बंद दोनों आरोपितों का ब्लड सैंपल एवं छात्रा के गर्भपात से पूर्व भ्रूण का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कराया गया था। तीनों का डीएनए आपस में मैच कर गया था। इससे प्रिंसिपल और शिक्षक पर आरोप साबित हो गए। जबकि आरोपितों ने घटना की सूचना सार्वजनिक होने पर कई अहम साक्ष्य जला डाले थे। 

* ढाई साल में पीड़िता को दिलाया न्याय

 कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के कारण काफी दिन तक अदालत की प्रक्रिया रुकी रही। इसके बावजूद स्पीडी ट्रायल इंस्पेक्टर उमा सिंह और लोक अभियोजक सुरेश चंद्र प्रसाद ने समय साक्ष्य और गवाहों को न्यायालय में पेश कर पीड़िता को ढाई साल में न्याय दिला दिया।

साभार पीएमए न्यूज़ एजेंसी

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