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Monday, February 15, 2021

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनान्तर्गत कृषकों कोमूॅग मिनीकिट का जनपद में वितरण


उन्नाव। राष्ट्रीयखाद्य सुरक्षा मिशन योजनान्तर्गत कृषकों को मूॅग मिनीकिट का जनपद में वितरण कियागया। उप कृषि निदेशक ने अवगत कराया कि कृषकों को 04 कि0ग्रा0 वजन के मिनीकिटका 300 किसानों में वितरण किया गया। यह मिनीकिट आई0पी0एम0 205-7 (विराट)प्रजाति का है। यह कार्यक्रम जनपद के सभी 16 विकास खण्डों में संचालित किया गयाजिसमे कृषि विभाग के अतिरिक्त सम्बंधित विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी एवं पशुचिकित्साधिकारियों ने प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर उत्सुक किसानों कोमिनीकिट का वितरण किया।वितरण के दौरान अधिकारियोंएवं विषय वस्तु विशेषज्ञों ने मूॅग की खेती के बारे में कृषकों को जानकारीदेते हुये अवगत कराया कि आलू, सरसों की फसल की कटाई के उपरान्त मूॅग की फसल कीबुवाई करें। मूॅग की फसल 60-65 दिनों में तैयार हो जाती है। फसल में बुवाईसे पूर्व फ्लूक्लोरेलिन 750 मि0ली0 का छिड़काव कर जमीन में मिलायें अन्यथा बुवाईके 25-30 दिन बाद निराई-गुड़ाई कर दंे इससे खरपतवार की रोकथाम केसाथ-साथ नमी संरक्षण भी होता है। सल्फर एवं जिंक के प्रयोग से दाने सुडौलएवं चमकदार बनते है। मॅूग की फसल में फूल आने से पूर्व 30-35 दिन पर तथाफलियों में दाना बनते समय 40-50 दिन पर सिंचाई अत्यन्त आवश्यक है। तापमान एवंभूमि की नमी के अनुसार आवश्यकता होने पर अतिरिक्त सिंचाई कर दें। जायद मूॅग कीपैदावार  10-15 कु0/हे0 तक होती है।मूॅग की फसल 70-75 दिनों में पकती है। जायद में दलहनी फसल का लगभग5100 हे0 का क्षेत्र है। मूॅग के मिनीकिट का उद्देश्य दलहनी फसलों के क्षेत्र कोबढ़ावा देना है। प्रत्येक किसान को 50 ग्राम प्रोटीन लेना आवश्यक है। दालों मेंमूॅग की दाल पाचन में श्रेष्ठ एवं प्रोटीन का अच्छा साधन है। उप कृषि निदेशक डा0 नन्दकिशोर ने डा0 मनोज यादव पशु चिकित्साधिकारी के साथ विकास खण्ड सिकन्दरपुर सिरोसी में मूॅग मिनीकिट का वितरण कराया।

रिपोर्ट : कुन्दन कुमार
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र

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