आगरा। जनपद के थाना ताजगंज ऐकता चौकी प्रभारी के व्यवहार से अधिकांश क्षेत्रीय जनता बखूबी तौर पर परिचित हैं कोरोना काल जैसे संकट काल में चैकी प्रभारी शैलेंद्र चैहान अपने संसाधन से गरीबों और असहाय व्यक्तियों की सहायता की जो मजलूम और बेसहारा थे। लेकिन कुछ शरारती तत्व ऐसे अधिकारियों का मनोबल तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं यदि मनोबल टूट जाएगा तो पुलिसकर्मी किस प्रकार अपनी सेवाएं दे पाएंगे ऐसी घटना ऐकता चैकी पर मध्यरात्रि को घटी जहां जुआरियों को गिरफ्तार कर लाया गया था इसी सिलसिले में मध्य रात्रि को मैगजीन संपादक भाई जा पहुंचे तथा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए जुआरियों से संपर्क स्थापित करने का प्रयास करने लगे जिस समय मैगजीन के संपादक चैकी पर पहुंचे थे उस समय चैकी प्रभारी अन्य सिपाहियों के साथ क्षेत्र में गश्त लगाने गए हुए थे इसी दरमियान चैकी प्रभारी शैलेंद्र चैहान क्षेत्र का भ्रमण के पश्चात चैकी पहुंचे तो उन्होंने गाड़ी पर बैठे एक व्यक्ति को देखा व व्यक्तियों को बुला चैकी पर बैठने का कारण पूछा तो बताया किसी का इंतजार कर रहा हू आगे पूछने पर व्यक्ति ने अपने आप को मैगजीन संपादक बताएं यह बात सुनने पर चैकी प्रभारी ने पत्रकार महोदय को आई कार्ड दिखाने को कहा लेकिन मैगजीन संपादक ने बैग से आई कार्ड की जगह मैगजीन दिखाई इसी बात पर चैकी प्रभारी ने व्यक्ति को चैकी से जाने को कहा। अब प्रश्न इस बात का आता है कि यदि मैगजीन हाथ में पकड़कर या अखबार हाथ में पकड़ कर पत्रकार अपना परिचय देने लगे तो पत्रकारों की आचार संहिता का क्या होगा।जब किसी के निजी लालसा की पूर्ति नहीं होती है तो दूसरे पर कीचड़ उछालना कहां की पत्रकारिता है पत्रकारिता से जुड़े सभी भाई बंधु इस बात को जानते हैं 3 महीने की अवधि आदि में छपने वाली कोई भी मैगजीन के संपादक आदि रात को चैकी पर समाचार कवरेज करने नहीं जाएगा लेकिन यहां उद्देश्य कुछ और था इसलिए उन्होंने अपने मोबाइल फोन पर यह दृश्य कैद कर लिया जो रात्रि के घनघोर अंधेरे को दर्शा रहा है। यदि जनसमुदाय किसी भी पुलिसकर्मी की सराहना करता है तथा उसके कार्य से संतुष्ट हैं तो उसे किसी भी कीमत पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता चाहे षड्यंत्रकारी कोई भी हो संपादक जी द्वारा वायरल किए गए वीडियो में यह कहीं भी सिद्ध नहीं होता कि इसमें कोई लेन-देन हो रहा है केवल चैकी इंचार्ज द्वारा परिचय मांगने के बात दिखाई देती है जब कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता तो स्वाभाविक है कि पुलिस किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को चैकी क्षेत्र से खदेड़ देगी। संपादक महोदय कुछ पत्रकारों को लंबित करके चैकी इंचार्ज के विरोध जो मुहिम चला रहे हैं वह कदापि उचित नहीं है यदि किसी इमानदार व्यक्ति को क्षति पहुंचाई जाए तो वहां पर कोई अन्य व्यक्ति कार्य करेगा चैकी इंचार्ज ने फिर भी सभ्यता का परिचय दिया।
रिपोर्ट: योगेश चैहान
अक्राॅस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
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