रायबरेली।। स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की बेरुखी का दंश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे आ रहे मरीजों को झेलना पड़ रहा है । चिकित्सकों की कमी को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की है परंतु जहां पर बेरह हकीम हो वहां पर फरियाद करने से क्या मतलब। कई बार शिकायत करने के बावजूद भी उच्चाधिकारियों द्वारा चिकित्सकों की तैनाती करने के बजाय स्थानांतरण कर दिया गया । जिसकी वजह से मरीज अब और भी ज्यादा परेशान हो रहे हैं। डलमऊ सीएचसी कागजों पर 5 चिकित्सक तैनात है जिनमें से रोहित चौरसिया के स्थानांतरण कर दिया गया है वही एक चिकित्सक डलमऊ सीएससी में समृद्ध है जो डलमऊ सीएससी एवं कठघर पीएससी देखते हैं। ऐसी स्थिति में दूरदराज से अपना इलाज कराने के लिए आ रहे लगभग सैकड़ों मरीजों को कड़ी धूप में घंटों लाइन में घंटों खड़ा होना पड़ रहा है। अगर ऐसी स्थिति में इमरजेंसी मरीजों को लाया जाता है तो ओपीडी का काम होकर चिकित्सक एमरजैंसी देखने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी किस तरह सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं यह बात किसी से भी छिपी नहीं है। पंजीकरण कक्ष में भी लगती है मरीजों की भीड़ मौसम के बदलते ही क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी जन्म में लेने लगी है। जिसकी वजह से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में दूरदराज से आने वाले सैकड़ों मरीजों की भी पंजीकरण कक्ष से लेकर ओपीडी कक्ष तक मरीजों को घंटों लैंड खड़ा होना पड़ रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी लचर कार्यशैली से बाज नहीं आ रही है। डलमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की कमी को लेकर स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत क्षेत्रीय विधायक के साथ साथ मुख्यमंत्री से भी की है।
जावेद आरिफ ब्यूरो चीफ रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
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