आगरा।। वाइल्डलाइफ एस ओ एस एवं वन विभाग ने मिल कर पिनाहट के गांव गढ़ का पूरा से 4 फ़ीट लंबा मगरमच्छ सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। गांव के लोगों ने वन विभाग को कुछ दिन पहले सूचना दी थी कि गांव के एक तालाब में मगरमच्छ देखा गया है, जिसके बाद वन विभाग ने आगरा में वाइल्डलाइफ एस ओ एस को घटना की जानकारी दी। तालाब के समीप बस्ती होने के कारण वन्यजीव संरक्षण संस्थान से तुरंत 3 रेस्क्यूर की टीम को मगरमच्छ पकड़ने के पिंजरे के साथ रवाना किया गया, और तत्काल ही उसे पकड़ने हेतु वह पिंजरा लगाया गया। करीब 15 दिन के इंतज़ार के बाद आज सफलतापूर्वक मगरमच्छ को रेस्क्यू कर लिया गया, जिसके बाद उसे पिनाहट घाट स्थित चम्बल नदी में रिलीस (छोड़) कर दिया गया। बैजुराज एम वी, निर्देशक, संरक्षण प्रोजेक्ट्स, वाइल्डलाइफ एस ओ एस ने कहा - क्यों कि मगरमच्छ तालाब में था इसलिए हमने उसे पिंजरे में पकड़ना उचित समझा। हमारी टीम ने पिंजरा लगा कर उसमें मगर के लिए चारा रख दिया और मगरमच्छ सफलतापूर्वक खुद ही पिंजरे में आ गया। हमने 4 फ़ीट लंबे मगरमच्छ को चम्बल नदी ने छोड़ दिया है जो कि मगरमच्छ और घड़ियाल के लिए अच्छा प्राकर्तिक आवास है। कार्तिक सत्यनारायण, सेह-संस्थापक, वाइल्डलाइफ एस ओ एस ने कहा - हमे इस बात की खुशी है कि लोग खुद ही निर्णय लेने के बजाए, वन्यजीवों के प्रति सतर्कता दिखाते हुए वन विभाग या वाइल्डलाइफ एस ओ एस को सूचना देते है। ऐसी परिस्थिति में अधिकतर मगरमच्छ डर और क्रोध की वजह से भयभीत लोगो द्वारा मार दिए जाते है। अमित सिसोदिया, वन क्षेत्राधिकारी, पिनाहट रेंज ने कहा - उम्मीद है कि मगरमच्छ नहर के सहारे चम्बल नदी से गांव में आ गया होगा। ऐसी घटनाएं छेत्र में काफी ज्यादा है। परंतु वन विभाग और वाइल्डलाइफ एस ओ एस साथ मिल कर ऐसी स्थिति से जंगली जानवरों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू और रिलीस का कार्य करती आई है।4 फ़ीट लंबे मगरमच्छ को वाइल्डलाइफ एस ओ एस और वन विभाग की टीम ने चम्बल नदी में रिलीस (छोड़) दिया है। कुछ ही देर बाद वाइल्डलाइफ एस ओ एस के इमरजेंसी नंबर पर पिनाहट के ही गांव उटसाना के एक तालाब में मगरमच्छ होने ही सूचना मिली जिसके बाद टीम ने तत्काल प्रभाव से गांव में मगर पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया है।
सोनू सिंह ब्यूरो चीफ आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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