प्रशासन कराए किसानों का इलाज नहीं तो मांगेंगे सड़कों पर भीख
आगरा।। उचित मुआवजा न मिलने को लेकर भाकियू कार्यकर्ताओं ने तहसील में चल रहे आंदोलन के दौरान किसानों की हालत बिगड़ गई है किसानों के बीमार पड़ने की सूचना पर प्रशासन में हड़कंप है किसानों ने आरोप लगाया है कि अवगत कराने के बाद भी प्रशासन ने उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जिस कारण मंगलवार को अचानक धरने पर बैठे किसानों की हालत बिगड़ने के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया धरना स्थल पर लोगों के बीमार 21वें दिन धरनास्थल पर किसानों की, अचानक तबीयत बिगड़ गई किसान पंकज,चोखे लाल रामस्वरूप मास्टर को बुखार आ गया है जिन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया वही कुछ किसान व ग्रामीणों के गले बैठ गये हैं तो कईयों को वदन दर्द है।सरकार धरनास्थल पर डाक्टर भेज कर बीमार किसानों का ईलाज कराये अन्यथा पीडित किसान धरनास्थल के खर्चो ,बीमार किसानों के, प्राईवेट ईलाज के लिए एन एच दो पर आगरा-कानपुर रोड पर भीख मांगकर ईलाज करायेंगें। किसान सडक़ पर निकाल कर अपनी 9साल कि पीडा और अपने साथ हुऐ नाईन्साफ से राहगीरों को अवगत कराकर,बीमार किसानों के ईलाज के लिए सड़कों पर भीख मांगेगा। धरनास्थल पर 21 वें दिन की अध्यक्षता श्री राजे पंडित जी और संचालन घनश्याम बघेल ने किया।धरने पर रघुवीर सिंह जी,रमेश जी,पुष्पेन्द्रर जी, हेतराम जी,राजेन्द्र जी,सतीश जी, छोटे जी ,भरत सिंह जी,आदि किसानों किसानों ने अपनी बात रखीधरना में मंगलवार रामदत्त जी,श्री कृष्ण जी,सर्वेश जी,राजू जी,श्री मती सुधा देवी जी, रानी देवी, शान्ति देवी जी , सीता देवी जीआदि ने धरने का नेतृत्व किया।किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल जिला अधिकारी के कैम्प कार्यालय बैठक में भाग लेकर किसानों के फैसले को अवगत कराया प्रतिनिधिमण्डल धरनास्थल पर बैठक कर आगे कि रणनीति पर विचार करेगा।क्यों कि लिखित समझौता 6 सितंबर 2010 ,को मंडलायुक्त और किसानों के बीच हुआ था जिसकी एक भी शर्त आज तक नहीं मानी गयीं है, छलेसर, बंघारा,रामीगढी, चौगानक्षण के किसानों का यह चौथा लम्बा धरना है, एक दिन के धरने कि संख्या भी बहुत है। पीडित किसान धरनास्थल पर बैठक कर आगे रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे।
सोनू सिंह ब्यूरो चीफ आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिन्दी समाचार पत्र
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