कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। कानपुर नगर निगम के तीस एसएफआई याने सेनेटरी फूड अधिकारियों जिन्हे मुख्य मार्ग से लेकर गली मुहल्लो की नाली नालो की जानकारी रहती है। को जिस तरह स्थानान्तरित किया गया जिनमे प्रीती यादव राजे विश्वकर्मा राजेश यादव राजेश सिंह शिशुपाल सिंह चौपाल सिंह अमित कुमार सुनील गुप्ता वंदना गुप्ता संजय यादव अनीता आदि जिन्हे शहर के चुप्पे चप्पे की जानकारी रही है। इसका खामियाजा कही नगर वासियों को जल भराव से दो चार न होना पडे। सवाल यह है कि उत्तर प्रदेश मे चव्वन जिले है।और लगभग इतनी ही नगर पालिकाएँ होगी । अब सवाल यह उठता है जिनको इधर से उधर तो कर दिया गया । क्या उन लोगो को उस क्षेत्र की पूरी जानकारी भी है। या फिर पेपर पर ही सीमित है ऐसे मे जब नई जगह अधिकारी पहुंचा हो तो ब्यवस्था कैसे ट्रेगिल करेगे। जबकि मौसम विभाग मानसून दस्तक दिए जाने का पहले ही खुलासा कर चुका है। ऐसे मे यदि ये कहा जाए प्रदेश का बहुतायत इलाका जल भराव का शिकार होने वाला है तो कहना गलत न होगा। अब यह कहना कतई गलत न होगा कि हो न हो प्रदेश सरकार के लिए भी सिरदर्द बढने वाला है। सवाल यह है कि आखिर बिना सोचे स्थानान्तरण किया जाना कहाँ तक सही रहा यह तो भविष्य के गर्भ मे है पर इस बार इन्द्रदेव की क्रिपा किस इलाके पर बेशुमार हो जाए कहना जरा मुश्किल है। इस सम्बन्ध मे मो0 वसीम एड़0विशेष सचिव उत्तर प्रदेश एन एच आर ए सी ने एक प्रेश बयान में कहा है यदि अधिकारियो के तबादलों के बाद प्रदेश भर के इलाको मे अगर जलभराव हुआ तो उस हालात जिम्मेदार प्रदेश सरकार को मानते हुए मामला अदालत के दरवाजे पर दस्तक दी सकती है।
जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी बर्तमान सरकार की होगी।
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Sunday, June 17, 2018
प्रदेश भर मे एसएफआई के तबादले बन न जाए जल भराव का कारण
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