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Thursday, June 28, 2018

स्मार्ट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट ही प्रदूषण समस्या का हल: विशाल गुप्ता

स्मार्ट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट से दिल्ली के जाम और प्रदूषण स्तर में होगा सुधार

अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
ब्यूरो समाचार
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या आम बात हो गई है। सरकार इसके लिए सड़कों पर वाहनों की बढ़ती समस्या को जिम्मेदार मानती है। वहीं ट्रांसपोर्ट विशेषज्ञ इसके लिए मौजूदा ट्रांसपोर्ट सिस्टम की खामियों को दोषी ठहराते हैं। अजीवी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर एवं सीईओ और स्मार्ट सिटी सॉल्यूशंस के विशेषज्ञ विशाल गुप्ता के मुताबिक अगर मौजूदा सिस्टम को स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम में तब्दील कर दिया जाए तो काफी हद तक इन परेशानियों से निजात मिल सकती है इसका जीता जगता उदहारण हम राजघाट और सीमापुरी बस डिपो पर देख सकते है।स्मार्ट ट्रांसपोर्ट कंसलटेंट विशाल गुप्ता के मुताबिकए दिल्ली जैसे महानगर में स्मार्ट फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम काफी कारगर है। अगर राजघाट डिपो की ही बात करें तो यहां 116 बसें हैं। इनमे से ज्यादातर बसें रोज सड़कों पर होती हैं। क्योंकि इन बसों की छोटी.छोटी कमी को सिस्टम अपडेट करता है और सभी जानकारी की नोटिफिकेशन तुरंत अपर लीवर से लोअर लेवल के प्रबंधन तक पहुंच जाती है। जब बसों में कमी ही नहीं होगी तो वे सड़को पर जरूर उतरेंगी। बस सही होंगी तो रास्ते में ब्रेकडाउन नहीं होगा। समय से सर्विस होगी तो प्रदूषण नहीं होगा। ब्रेकडाउन नहीं होगा तो ट्रैफिक जाम भी नहीं होगा। इसलिए दिल्ली के सभी डिपो को स्मार्ट डिपो में तब्दील करना चाहिए।गौरतलब है कि अजीवी टेक्नोलॉजीज लगभग दो वर्षों से राजघाट स्थित सार्वजनिक बस डिपो में अपनी सेवाएं दे रही है। संस्था ने इस डिपो में स्मार्ट फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत की थी। इसके जरिए पूरे डिपो को तकनीक के जरिये स्मार्ट डिपो में तब्दील किया गया। इस सिस्टम के जरिए बसों और ड्राइवर्स का सभी डाटा कंप्यूटराइज्ड किया गया है। जैसेए बस में कितने जरुरी सर्टिफिकेट वैध हैं। वे कब रिन्यू होने हैं। बस के टायर किस हालात में हैं। उन्हें कब बदला जाना है। बस की सर्विस कितने समय पर होनी है। बस के सभी पार्ट्स सही हैं या नहीं। बस के फिटनेस सर्टिफिकेट पूरे और वैध हैं या नहीं। परमिट सही है या नहीं। ड्राईवर का लाइसेंस वैध है या नहीं। वो कब रिन्यू होगा जैसी तमाम छोटी.बड़ी जानकारियां इस सिस्टम के जरिये ही अपडेट होती हैं।

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