कानपुर से मधुकर मोघे की रिपोर्ट
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
कानपुर। कई वर्षो से बिठूर के घाटो पर जल जीव सुरक्षा के मद्देनजर जल जीव सुरक्षा समिति घाटो पर जहाँ पहरा देती है।वही घाटों पर स्वच्छता को लेकर हर रविवार सफाई अभियान चला कर सदस्य गण स्वयं घाटों की सफाई करते है।वहीं यात्रियों को प्रेरित करने का काम करते है।माना कि समिति का कोई रजिस्ट्रेशन नही किन्तु सन् 1956 मे तत्कालीन उपजिलधिकारी सदर आदेश की वह प्रति जिसमे कल वाली घाट से शमशान घाट तक के जलीय क्षेत्र को जल जीवों के शिकार पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। जो अपने आपमे इतिहास बन गया।पर मजे की बात यह है कि प्रशासन उस लिखित आदेश को मानना ही नही चाहता है।वर्ना समिति सदस्यो पर अवैध शिकारियों द्वारा होने वाले हमलों का करारा जवाब दे दिया जाता। फिलहाल समिति एवं जन अधिकार एसोशियेशन के द्वारा डीआइजी को की गयी अपील का कुछ अशर होता नजर आ रहा है। सूत्र बताते है कि डीआइजी आन-लाइन एस ओ बिठूर को ट्यूटर पर कोई आदेश जारी किया है। फिलहाल जल जीव शिकार पर रोक लगाने का आदेश है तो बेहतर कदम है ।क्योकि सुरक्षा न मिलने से समिति सदस्य अपनी जान जोखिम मे डालने से अब कतरा से रहे है सदस्यो मे बच्चा तिवारी राजू बाबा एवं अन्य का कहना है कि शिकारी हथियार बन्द होते है जो अक्सर हमला बोल देते है। पुलिस का सहारा होता है पर अब तो उनका भरोसा भी करना महंगा पडता नजर आ रहा है। नमामि गंगा जैसी गंगा सफाई को बल देने वाले गंगा की सफाई क्या कर पाएंगे जब जल जीव ही रहोगे देखते है आगे क्या होता है।
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Tuesday, June 12, 2018
एसओ बिठूर को डीआईजी ने किया ट्विट
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