सदन में ग्राम प्रधानों, सड़क जाम व आंगनबाड़ियों का मामला भी एमएलसी ने उठाया
जावेद आरिफ ब्यूरो रायबरेली
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
रायबरेली। कांग्रेस एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने सम्पन्न विधान परिषद के सत्र के दौरान जनपद की उठाई गयी समस्याओं और प्रदेश सरकार के द्वारा लिये गये संज्ञान के सम्बन्ध में पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विधान परिषद में रायबरेली के पोस्टमार्टम हाउस में चिकित्सक की नियमित तैनाती न होने से जिले के लेागों की हो रही परेशानी का मामला जब सदन में उठाया तो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पहले तो प्रदेश में चिकित्सकों की कमी की बात कहकर मामले को टालने का प्रयास किया, लेकिन सदन में बहस के दौरान स्वास्थ्य मंत्री एमएलसी की जनहित की दलीलों के समक्ष झुके और व्यवस्था दिया है कि रायबरेली के पोस्टमार्टम हाउस में अब चिकित्सक की नियमित तैनाती होगी। पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को कोई इन्तजार नहीं करना पड़ेगा। वर्तमान में देर शाम तक अस्पताल के कामकाज को निपटाने के बाद चिकित्सक पीएम हाउस पहुंचते थे और तब वे क्रिया शुरू करते थे। इससे मृतक के परिजनों को भारी असुविधा व कष्ट होता था। एमएलसी ने इसको अनुभव किया और प्रदेश सरकार के ध्यानाकर्षण में लाकर पीएम हाउस में चिकित्सक की 24 घण्टे तैनाती सुनिश्चित करा दी है। प्रदेश सरकार के द्वारा निर्माण सामग्री जैसे ईंट, मौरंग, बालू, सीमेन्ट एवं सरिया आदि की दरें अचानक घटा देने से कार्यदायी संस्थाओं में व्यापक असन्तोष है। विशेष रूप से ग्राम पंचायत के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। परिवर्तित दरों में कार्य कराया जाना मुश्किल ही नहीं असम्भव है। इसके अलावां सरकारी तंत्र पंचायत प्रतिनिधियों को काम न होने के लिए अपमानित व परेशान कर रहा है। प्रधान शोषण के शिकार हो रहे हैं। सरकारी अधिकारी पंचायत प्रतिनिधियों को जेल भिजवाने को तैयार बैठे हैं। गांव का विकास ठप्प सा हो गया है। एमएलसी ने सरकार से जानना चाहा कि सीमेन्ट की जो बोरी 320 रुपये की थी वह सरकारी दरों के मुताबिक 250 रुपये कैसे कर दी गयी। जहां भी इतने में सीमेन्ट मिल रही हो वह स्थान प्रधानों को भी बता दिया जाये ताकि वे इतने कम दाम पर सीमेन्ट खरीद सकें। इसी तरह 46 हजार प्रति टन स्टील जिसके दाम 35 हजार प्रति टन कर दिये गये हैं उसके बारे में भी स्पष्ट किया जाये कि वह कहां मिल रहा है। एमएलसी ने इस पर सदन में जोरदार बहस की है और दरों को व्यावहारिक बनाने को कहा है।इसके अलावां रायबरेली जिले के नगर व कस्बों में लगने वाले जाम का मामला भी सदन में उठाया गया। एमएलसी ने कहा कि यह समस्या पूर्ववर्ती सरकारों की देन नही बल्कि वर्तमान सरकार की उदासीनता की देन है। सड़क जाम की समस्या बीते 3 महीनों में बहुत अधिक बढ़ गयी है। कस्बे से लेकर नगर तक के लोग इससे त्रस्त हैं। सरकार से लोगों की अपेक्षा है कि वह जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस पहल करें। एमएलसी ने कहा कि प्रदेश सरकार का रवैया नितान्त संवेदनहीन है। यह सरकार अपने ही कर्मचारियों को भरपेट भोजन देने को तैयार नहीं, बल्कि उन पर लाठियां बरसाने के लिए सचेष्ठ दिखती है। उन्होंने महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के दो माह से अधिक समय से चल रहे आन्दोलन पर प्रदेश सरकार की उदासीनता की कड़ी निन्दा की। एमएलसी की प्रेसवार्ता में ब्लाक प्रमुख उमेश सिंह, ग्राम पंचायत संगठन के प्रदेश नेता रवीन्द्र सिंह, ऊँचाहार के प्रमुख कमलेश सिंह, पुट्टू सिंह के अलावा जिले भर के कई जिला पंचायत सदस्य और प्रमुख जनप्रतिनिधि व ग्राम प्रधानगण मौजूद थे।