ठेकेदार द्वारा बनाई गई 33 केवी की लाइन सवालों के घेरे में
जिलाधिकारी ने ठेकेदार के गोदाम पर छापा मारा, सामान व अन्य सामान बरामद, ठेकेदार को कागजातों के साथ किया तलब
फिरोजाबाद ।। जनपद के विद्युत विभाग को करंट लगाने की जुगत में एक ठेकेदार विद्युत अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश करने लगा। ठेकेदार द्वारा खिंचवाई गई लाइन में तमाम अनियमितताएं होने के कारण विधुत विभाग ने लाइन को अपने हैंड ओवर में लेने से इंकार कर दिया।परन्तु ठेकेदार फिर भी अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश निरन्तर करता रहा। मंगलवार को डीएम ने मौके का मुआयना किया तो सारी पोल खुलकर सामने आ गई। बताते चले कि ठेकेदार द्वारा बनाई गई 33 केवी की लाइन सवालों के घेरे में है। ठेकेदार द्वारा बनाई गई लाइन को विधुत विभाग लेने को तैयार नहीं है। ठेकेदार द्वारा लगाए गए पोल भी लाइन शुरू होने से पहले झुकने लगे हैं। लाइन बनाने को आए तार व अन्य सामान को बाजार में बेचे जाने की सूचना पर जिलाधिकारी ने ठेकेदार के गोदाम पर छापा मारा। जहां सामान व अन्य सामान बरामद हुआ। ठेकेदार को कागजातों के साथ जिलाधिकारी ने तलब किया है। वही मंगलवार शाम करीब साढ़े चार बजे जिलाधिकारी नेहा शर्मा अधिकारियों के साथ दिव्याशु इंजीनियरिंग कंपनी के नगला सोना स्थित गोदाम पर पहुंची। डीएम को ढाई हजार मीटर बिजली का तार व अन्य सामान मौके पर मिला। जबकि लाइन करीब दो माह पूर्व ही पूरी हो चुकी है। लाइन का मापन (मेजरमेंट) भी हो चुका है। मौके पर मिले सामान की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। जिलाधिकारी ने ठेकेदार के साथ ही विद्युत अधिकारियों को बुधवार दोपहर में सभी कागजातों के साथ कार्यालय बुलाया है। विभागीय सूत्रों की माने तो मापन के बाद सभी सामान को स्टोर में जमा कराना चाहिए था। लाइन के ढीले तार, ढीले स्टेट तार, तिरछे खंबे व खंबों की ग्राउटिंग व अर्थिंग रोड को न होना कभी भी जानलेवा हो सकता है। डीएम का कहना है कि ठेकेदार द्वारा विद्युत विभाग के सामान को बेचे जाने की शिकायत मिली थी। जिसके बाद छापामार कार्रवाही की गई। कुछ सामान मौके पर मिला है। जिसकी जांच की जा रही है। यदि कुछ गड़बड़ी मिलेगी तो ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाही कराई जाएगी।
अगर वही ठेकेदार को लाइन तैयार करने के लिए विभाग द्वारा सामान उपलब्ध कराया गया है। यदि विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए सामान व लाइन तैयार करने में लगे सामान का मिलान कर लिया जाए तो पूरे मामले से पर्दा उठ जाएगा परन्तु पूरे मामले में विभाग की भी मिली भगत है। जब लाइन का मापन हो गया तो पूरा खेल क्यों पकड़ में नहीं आया। विधुत विभाग के सूत्रों की माने तो लाइन में घटिया सामान प्रयोग किया गया है। मानक के अनुसार निर्माण सामग्री नहीं लगाई गई है।जबाबो के सवाल में लाइन टीटीजेड के जेई हृदेश कुमार का कहना है कि हमने ठेकेदार को पार्ट में भुगतान किया है। लाइन मानक के अनुसार न होने के कारण विभाग ने अपने सुपुर्द नहीं ली है। जब तक कमियां नहीं सुधर जाती लाइन को विधुत विभाग सुपुर्द नहीं लेगा।काम पूरा न होने तक ठेकेदार सामान को अपने पास रख सकता है।
कश्मीर सिंह मण्डल संवाददाता आगरा
अक्रॉस टाइम्स हिंदी समाचार पत्र
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